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काफी अच्छी हैं विश्नोई पंथ की शिक्षाएं

बिश्नोई समाज (पंथ )

बिश्नोई समाज या बिश्नोई पंथ भारत मेँ ही नही अपितु पूरे विश्व मेँ अपने प्रकृति प्रेम एवं जैव विविधता संरक्षण के लिये जाना जाता है .बिश्नोई समाज की स्थापना संत जाम्भो जी या जम्भेश्वर ने 1485 ई .मेँ थार के रेगिस्तान , राजस्थान मेँ की थी .बिश्नोई समाज 29 धार्मिक शिक्षाओं पर आधारित है ….
*8 शिक्षाएं जैव विविधता तथा जानवरों की रक्षा से सम्बन्धित हैँ .
*7शिक्षाएं समाज की रक्षा के लिये हैं .
*10शिक्षाएं स्वयं की सुरक्षा एवं अच्छे स्वास्थ्य के लिये हैँ .
*4शिक्षाएं आध्यात्मिक उत्थान हेतु
“जो व्यक्ति संत जाम्भो जी की 20तथा 9शिक्षाओं का पालन करता है वही सच्चा बिश्नोई है ”
बिश्नोई समाज विश्व का एकमात्र समाज है जिसने प्रकृति को बचाने के लिये सर्वाधिक बलिदान दिये हैं .खेजड़ी इस समाज का पवित्र वृक्ष है .अमृता देवी और उनकी तीन बेटियों ने खेजड़ी वृक्षों की रक्षा के लिये अपने प्राण न्यौछावर कर दिये ..कालांतर मे इसी घटना से प्रेरित होकर चिपको आंदोलन का जन्म हुआ , सुंदर लाल बहुगुणा , चंडी प्रसाद भट्ट इस आंदोलन के चर्चित व्यक्तित्व हैँ।

सौजन्य से -अनिल बिरवा ✒

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