जिलाधिकारी ने गोमती उद्गम तीर्थ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु किया निरीक्षण, आय के स्रोत बढाने व गोशाला खुलवाने की तैयारी
पीलीभीत। जिलाधिकारी पुलकित खरे द्वारा आज गोममी उद्गम स्थल का निरीक्षण किया गया। लिंक पर क्लिक कर लाइव सुनिये-
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा पंच वाटिका, मन्दिर प्रांगण, पार्क, हट वाटिका, ट्रस्ट संचालन के सम्बन्ध में समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि गोमती उद्गम स्थल पौराणिक एवं पवित्र स्थल है, जिसका पर्यटन स्थल के रूप में विकास किया जा सकता है। लिंक पर क्लिक कर लाइव सुनिये-
इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा गोमती उद्गम स्थल के नजरी नक्शे की समीक्षा के दौरान उन्होंने तहसीलदार को निर्देशित किया कि जनपद की सीमा के अन्दर नदी की परसीमा की समीक्षा की जाये तथा इस दौरान नदी के मार्ग के किनारे स्थित भूमि की स्थिति व नदी की वास्तविक स्थिति का उल्लेख करते हुये जांच आख्या उपलब्ध कराई जाये तथा जहां पर नदी विलुप्त प्रप्याय है उसका भी उल्लेख किया जाये।
गोमती उद्गम स्थल के निरीक्षण के दौरान अब तक किये गये कार्यों की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि झील के भाग-1 में जंगल झाड़ियों की साफ सफाई कराते हुये मनरेगा के माध्यम से स्लेपिंग का कार्य कराया जाये तथा भाग-2 में निर्मित स्लेपिंग सीढियों की साफ सफाई कराते हुये उद्यान व वन विभाग के माध्यम से सजावटी फूल व पौधों को लगाया जाये तथा पार्क की साफ सफाई कर श्रद्वालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा गठित ट्रस्ट की समीक्षा के दौरान आय के श्रोतों व व्यय किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि गोमती स्थल के नाम आवंटित भूमि से व मेलों से आय प्राप्त के साधन बढ़ाये जाये तथा ट्रस्ट द्वारा प्राथमिकता के आधार कार्यों को कराया जाये। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा पंच वाटिका व हट का निरीक्षण किया। बन्द फाउन्टेन को पुनः चालू करने, गेट का चैड़ीकरण व बाग की साफ सफाई कर आदर्श गौशाला बनाये जाने हेतु खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया।
उन्होंने गोमती उद्गम स्थल के पुराने जल श्रोतों को सक्रिय करने हेतु पूर्व में किये कार्यों की भी जानकारी प्राप्त की गई तथा उसी आधार पर आगे भू-गर्भ विभाग से सम्पर्क स्थापित कर जल श्रोतों को पुनः सक्रिय करने हेतु वार्ता की जाये। निरीक्षण के दौरान गोमती नदी में माधौटांडा से आने वाले गन्दे पानी को रोकने हेतु अधिशासी अभियन्ता सिंचाई आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। निरीक्षण के दौरान ट्रस्ट को निर्देशित करते हुये कहा कि मंदिर की साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया तथा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु कार्य किये जाये। उन्होंने कहा कि तालाबों की साफ सफाई नियमित की जाये तथा तालाब में पूजन सामग्री का अबशेष झील में न फेंके जाये।
निरीक्षण के दौरान डीएफओ सामाजिक वानिकी, उप जिलाधिकारी कलीनगर, अधिशासी अधिकारी सिंचाई, तहसीलदार कलीनगर, खण्ड विकास अधिकारी पूरनपुर, ट्रस्ट के सदस्य आदि उपस्थित रहे। (साभार-सूचना विभाग/कुँवर निर्भय सिंह)
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