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एसडीएम ने किया धान खरीद केंद्रों का निरीक्षण, कम खरीद पर लगाई फटकार

घुंघचाई। उप जिलाधिकारी ने क्षेत्र के कई क्रय केंद्रों का तीसरे दिन फिर से पहुंचकर निरीक्षण किया। कम खरीद को लेकर के उप जिलाधिकारी नाराज हुए। उन्होंने खरीद बढ़ाने के लिए केंद्र प्रभारियों को निर्देशित करते हुए चेतावनी दी। क्रय केंद्रों पर धान खरीद की रस्म निभाई जा रही है। काश्तकारों का धान लंबे अंतराल के बाद नहीं खरीदा गया। जिससे समर्थन मूल्य किसानों को नहीं मिल पा रहा है। शासन भले ही समर्थन मूल्य देने का आश्वासन देता हो जनपद के बड़े अधिकारी इस मामले में क्रय केंद्रों पर पहुंचकर काश्तकारों की खून पसीने की कमाई का भुगतान दिलाने का आश्वासन करते हो लेकिन 15 दिन के बाद भी विभिन्न एजेंसियों के द्वारा लगाए गए क्रय केंद्रों पर धान खरीद नाम मात्र की है ।जिस पर लोग सवालिया निशान लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह सब बीते 4 दिन पूर्व जिला अधिकारी द्वारा क्रय केंद्रों पर भ्रमण के दौरान अनियमितताएं पाई गई तो बड़े अधिकारी पहुंचकर रस्म निभा रहे हैं। आज फिर से उपजिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद क्षेत्र के विभिन्न क्रय केंद्रों पर पहुंचे और धान खरीद की वास्तविक हकीकत के बारे में जाना जो काफी कम पाई गई। इस मामले में उन्होंने कई केंद्र प्रभारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी कीमत पर किसानों को समर्थन मूल्य मिलने में असुविधा हुई तो केंद्र प्रभारी जिम्मेदार होंगे और सभी क्रय केंद्रों पर धान की खरीद बढ़ाई जाए। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के विभिन्न क्रय केंद्रों के अलावा घुंघचाई साधन सहकारी समिति में लगे क्रय केंद्र पर औचक निरीक्षण किया। जहां पर पहली बार अरसे के बाद खरीद होती पाई गई ।किसानों का कहना है कि अब धान में नमी भी कम हो गई है फिर क्यों हम लोगों को क्रय केंद्रों से टरकाया जा रहा है। क्षेत्र के विभिन्न क्रय केंद्र चाहे अभय पुर माधोपुर गोपालपुर उदरहा कढ़ैया कंपारा सहित कई धान क्रय केंद्रों की जानकारी काश्तकारों को नहीं है कि कहां पर लगे हैं। जिन पर धान खरीद की व्यवस्था किस तरह चल रही है इस पर लोग सवाल उठाते देखे गए। उप जिलाधिकारी ने केंद्र प्रभारियों को व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए।

ग्रामीण अंचल के सेंटर भी देखिये डीएम साहब

 धान खरीद की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जिलाधिकारी पुलकित खरे ने मंडी परिसर में पहुंचकर वास्तविक हकीकत जानी। वीडियो वायरल हुआ तो सुर्खियां भी मिली और उनके द्वारा किए गए प्रयासों को काफी सराहा गया लेकिन यह स्थिति ग्रामीण अंचलों में लगे क्रय केंद्रों पर पहुंचकर जनपद के जिम्मेदार अधिकारी पूरी सच्चाई के साथ अगर निभाए तो सही में काश्तकारों की खून पसीने की कमाई उनको मिल सकेगी। वैसे तो केंद्र सरकार द्वारा काश्तकारों की आय बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम किए गए लेकिन उनकी उपज का ही वास्तविक समर्थन मूल्य मिल सके इसको लेकर के जनपद के सक्षम अधिकारी इस कार्य क्षेत्र में लग जाएं तो किसान खुशहाल हो जाएगा। यह सब बातें किसान कहते देखे गए और उनकी मांग थी कि वे जो उत्तर दायित्व निभाते हैं वे सभी क्षेत्र की व्यवस्थाओं को क्रय केंद्रों पर पहुंच कर रखें। रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी।

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