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सुनगढ़ी थाने के प्रभारी निरीक्षक पर गुंडे माफियाओं और रंगदारों को खुला संरक्षण देने का आरोप, पत्रकारों ने दिया धरना

योगी सरकार में सुनगढ़ी थाना पुलिस की कारगुजारी से उत्पीड़न के खिलाफ धरने पर बैठे जिलेभर के पत्रकार
00 यशवंतरी देवी मंदिर प्रांगण में पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी
00 पत्रकारों के धरने समर्थन देने पहुंचे उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्य मंत्री हेमराज वर्मा
00 सुनगढ़ी थाने के प्रभारी निरीक्षक पर गुंडे माफियाओं और रंगदारों को खुला संरक्षण देने का आरोप
00 31 अक्टूबर को आईजेयू की कार्यसमिति की लखनऊ में होने वाली मीटिंग में भी उठेगा मामला

पीलीभीत। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार भले ही पत्रकारों की सुरक्षा के लंबे चौड़े दावे करें लेकिन हकीकत इससे जुदा है। जनपद पीलीभीत में रंगदारी के मुकदमे में चार्ज शीटेड रंगदार द्वारा सोशल मीडिया फेसबुक पर उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के मंडल के महासचिव सुधीर दीक्षित को सार्वजनिक रूप से धमकियां देने के मामले में सुनगढ़ी थाना पुलिस की कारगुजारी के खिलाफ रविवार को पत्रकार धरने पर बैठ गए। पत्रकारों का आरोप है कि सुनगढ़ी थाने के प्रभारी निरीक्षक अतर सिंह योगी सरकार में गुंडे माफियाओं और रंगदारों को खुला संरक्षण दे रहे हैं।
बता दें कि 5 दिन पहले श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के मंडल महासचिव सुधीर दीक्षित को फेसबुक पर बल्लभ नगर कॉलोनी निवासी शशांक मिश्रा ने लाइव आकर शराब के नशे में गालियां और धमकियां देते हुए उनका चरित्र हनन करने की कोशिश की। इस मामले में दी गई तहरीर पर सुनगढ़ी थाना प्रभारी अतर सिंह ने मात्र आईपीसी की धारा 504 और 506 में ही मुकदमा कायम किया जबकि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत कोई भी धारा नहीं

लगाई गई। सुनगढ़ी के प्रभारी निरीक्षक की पुलिस संरक्षण के चलते शशांक मिश्रा ने फिर अगले दिन फेसबुक पर लाइव आकर पत्रकार सुधीर दीक्षित का चरित्र हनन करते हुए उनको जानमाल के नुकसान की धमकियां दी लेकिन थाना प्रभारी निरीक्षक ने कोई कार्रवाई नहीं की।
थाना सुनगढ़ी के प्रभारी निरीक्षक की कारगुजारी कि नाराज पत्रकारों ने रविवार को उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के बैनर से यशवंतरी देवी मंदिर प्रांगण में पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर धरना और प्रदर्शन किया। पत्रकारों ने मांग की कि गुंडे माफियाओं को संरक्षण दे रहे प्रभारी निरीक्षक अतर सिंह को तत्काल हटाया जाए। धमकी देने वाले रंगदार शशांक मिश्रा को गिरफ्तार किया जाए। रंगदार के उत्पीड़न की शिकार युवती की मां की ओर से दी गई तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया जाए।
धरना स्थल पर पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व राज्य मंत्री हेमराज वर्मा ने पत्रकारों की मांग को जायज ठहराते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में प्रशासन निरंकुश है जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को धरने पर बैठना पड़े तो जाहिर सी बात है कि स्थिति विकराल हो गई। श्री वर्मा ने पत्रकारों के धरने का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि वह और उनकी समाजवादी पार्टी पूरी तरह से पत्रकारों के साथ इस लड़ाई में है। उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के बरेली मंडल बरेली के अध्यक्ष निर्मल कांत शुक्ला ने कहा कि 31 अक्टूबर को आईजेयू की कार्यसमिति की लखनऊ में होने वाली मीटिंग में भी उठाया जाएगा।
पत्रकारों ने पुलिस कप्तान और अपर पुलिस अधीक्षक के सभी आश्वासनों को यह कहकर ठुकरा दिया कि जब तक सुनगढ़ी के थाना प्रभारी निरीक्षक को हटाया नहीं जाता है, तब तक धरना समाप्त नहीं किया जाएगा क्योंकि अतर सिंह के प्रभारी निरीक्षक पद पर रहते पत्रकार सुधीर दीक्षित के साथ कोई भी अप्रिय घटना किसी भी समय घटित हो सकती है क्योंकि उत्पीड़न करने वाले रंगदार शशांक मिश्रा को सुनगढ़ी थाना प्रभारी निरीक्षक अतर सिंह का खुला संरक्षण है। शशांक मिश्रा यह सब कुछ शहर के बड़े भू माफियाओं के इशारे पर कर रहा है। उत्पीड़न करने वाला शशांक मिश्रा पहले से ही रंगदारी के एक मुकदमे में चार्जशीटेड है।
स्थल पर पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एपजा के जिलाध्यक्ष विकास दीक्षित ने धरना स्थल पर आकर यूनियन का समर्थन देते हुए कहा कि उनका संगठन पत्रकारों के मान सम्मान की लड़ाई में पूरी तरह साथ है। कार्यक्रम में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राधा किशन रावत, मंडल महासचिव सुधीर दीक्षित, मंडल संगठन मंत्री विनय कुमार सक्सेना, जिलाध्यक्ष विभव शर्मा, साकेत सक्सेना,धर्मेंद्र सिंह चौहान, सौरभ दीक्षित, हरपाल सिंह, मुकुल शर्मा, तहसीन खान, मोहित कुमार जौहरी, नसीम मलिक, करण सिंह, फैयाज मलिक, गुरमेज सिंह, रितेश बाजपेई, मोहम्मद आमिर, केशव प्रजापति, हरिओम वर्मा, अवधेश गुप्ता, मोहम्मद सादिक, मोहम्मद इसरार, दीपक गुप्ता, रूप किशोर जोशी, मोहम्मद जैनुल, ऋषि पाल, शिवकुमार, अलका गंगवार, हरीश गंगवार, सभासद एवं पत्रकार जगन्नाथ उर्फ प्यारे उर्फ प्रिंस, आशुतोष मिश्रा, मनोज कुमार, राम नरेश शर्मा, पवन सक्सेना, प्रशांत वर्मा, संदीप मिश्रा उर्फ संजू , सभासद सुधा रावत, अजय राठौर, श्री कृष्ण मौर्य, विक्की मौर्य, राजकुमार अरुण भारद्वाज एडवोकेट आदि थे।
अपर पुलिस अधीक्षक ने की आंदोलनरत पत्रकारों से वार्ता
अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी ने धरना दे रहे पत्रकारों से दूरभाष पर संपर्क किया। उन्होंने श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के बरेली मंडल बरेली के अध्यक्ष निर्मल कांत शुक्ला जिलाध्यक्ष वैभव शर्मा से वार्ता करते हुए आश्वस्त किया कि किसी भी पत्रकार का कोई उत्पीड़न होने दिया जाएगा। चार्जशीटेड रंगदार शशांक मिश्रा पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जाएगी। फेसबुक पर लाइव होकर उसके द्वारा जिस युवती और उसके परिवार को अपमानजनक टिप्पणी करके बर्बाद करने की धमकी दी गई है। उसकी तहरीर पर आईपीसी की धारा 509 के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं। अपर पुलिस अधीक्षक ने पत्रकारों से धरना समाप्त करने का अनुरोध किया। साथ ही पुलिस अधीक्षक की ओर से पत्रकारों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया।

डीएम-एसपी के प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे सीओ सिटी

जिलाधिकारी पुलकित खरे ने भी मामले को बेहद गंभीरता से लिया। उनके व पुलिस अधीक्षक के प्रतिनिधि बतौर सीओ सिटी वीर विक्रम धरना स्थल पर पहुंचे। यूनियन के मंडल अध्यक्ष निर्मल कांत शुक्ला से वार्ता कर धरना समाप्ति का अनुरोध किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि पत्रकारों की रंगदार शशांक मिश्रा व सुनगढ़ी थाने के प्रभारी निरीक्षक की कारगुजारी को लेकर जो भी शिकायतें हैं, उन पर वे स्वयं जांच करेंगे और अपने पर्यवेक्षण में मुकदमों की विवेचनाएं कराएंगे। सिटी में पूरा भरोसा दिलाया कि पत्रकारों की जो भी मांगे हैं, वह पूरी की जाएंगी। मांगों से जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को अवगत करा दिया गया है। जिलाधिकारी की ओर से सहायक सूचना अधिकारी नरेंद्र कुमार संदेश लेकर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन दिया। बताया कि जिलाधिकारी महोदय को सभी मांगों से अवगत करा दिया गया है। शाम 7 बजे सीओ सिटी वीर बिक्रम व शहर कोतवाल श्रीकांत द्विवेदी के आश्वासन पर पत्रकारों ने कार्रवाई के लिए 24 घंटे की मोहलत देते हुए धरना समाप्ति की घोषणा कर दी।

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