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दीपावली पर भगवान रामचंद्र जी की ससुराल में भी मनाया गया जश्न

पड़ोसी देश नेपाल के सीमावर्ती गांवों में भारतीय त्योहारों की धूम

-दीवाली की तरह नेपाल में होता है पांच दिवसीय कुकुर तिहार

-कुत्ता होता है नेपाल में एक दिन शाही मेहमान

-युवक युवतियां घर घर जाकर नृत्य कर करती हैं धन एकत्र

माधोटांडा। यदि आपको पशु पक्षियों के प्रति प्रेम देखना है तो आपको पड़ोसी देश नेपाल की दीपावली के अवसर पर यात्रा करनी होगी। वहां पर हिंदुओं के त्योहार दीपावली की तरह कुकुर तिहार मनाया जाता है। यह पर्व पांच दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है। पर्व पर दीपावली के दूसरे दिन कुत्तों की पूजा की जाती है। उन्हें तिलक लगाकर, माला पहनाकर, स्वादिष्ट भोजन एवं मिठाइयां खिलाकर विशेष सम्मान देकर ईश्वर से यह प्रार्थना की जाती है कि कुत्ता स्वर्ग में मनुष्य का सच्चा साथी होगा। पांच दिनों वाले कुकर त्योहार पर अन्य पशुओं एवं पक्षियों की भी पूजा की जाती है।
भगवान श्री रामचंद्र के द्वारा वनवास की अवधि पूरी करके अयोध्या वापस आने पर जहां भारतवर्ष में दीपोत्सव पर्व मनाने की परंपरा है वही श्री प्रभु राम की ससुराल मिथिला नगरी नेपाल में पूरे पांच दिनों तक धूमधाम से जश्न मनाया जाता है। इस समय नेपाल में दीपावली त्यौहार को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। नेपाल की सरहदें भले ही जुदा हों परंतु सीमा क्षेत्र में भारतीय त्योहारों की धूम देखने को मिल रही है। यह बात अलग है कि वहां इन त्योहारों को मनाने के तरीके कुछ बदल जाते हैं। पीलीभीत के थाना माधोटांडा क्षेत्र से जुड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय सीमा के पिलर नंबर 21 के पास कैलाली जनपद के गांव के घरों में दीपावली त्योहार को लेकर काफी उत्साह नजर आ रहा है।
नेपाल में दीपावली त्यौहार की तरह कुकुर तिहार पांच दिनों तक बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार पशु पक्षियों के प्रति प्रेम प्रदर्शित करता है। इस त्यौहार की शुरुआत धनतेरस पर्व के साथ ही हो जाती है। इस दिन कौवे की पूजा की जाती है। कौवे के लिए स्वादिष्ट पकवान पकाए जाते हैं। पकवानों एवं मिठाइयों को लोग अपने घरों की छतों, आंगन एवं मुंडेर आदि पर कौओं के खाने के लिए रख देते हैं। दूसरे दिन को कुकुर तिहार पर कुत्तों को विशेष सम्मान मिलता है। इस दिन उन्हें माला पहनाकर, माथे पर तिलक लगाकर, स्वादिष्ट भोजन एवं मिठाईयां खिलाई जाती हैं। यानी नेपाल में एक दिन कुत्ता भी शाही मेहमान बनकर शाही भोजन करता है। ऐसी मान्यता है कि कुत्ता इंसान का सच्चा साथी है जो उसके साथ स्वर्ग तक जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथ महाभारत के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर की स्वर्ग यात्रा में कुत्ते ने उनका साथ दिया था। तिहार के तीसरे दिन अमावस्या को गाय की पूजा की जाती है एवं सायंकाल को गणेश और लक्ष्मी का पूजन होता है। घरों को सजाया संवारा जाता है। रात भर गीत संगीत की महफिलें सजती हैं। युवक युवतियां घर घर जाकर नृत्य करते हुए गृह स्वामियों से धन, अन्न, मिष्ठान एवं फल आदि ग्रहण कर एकत्र करते हैं जिसका सामूहिक भंडारे में प्रयोग किया जाता है। चौथे दिन बैल की पूजा कर गोवर्धन पूजा की जाती है। पांचवे और अंतिम दिन भाई टीका (भैया दूज) की रस्म होती है। इस दिन बहनें भाइयों को टीका लगाती हैं। उनकी आरती उतारती हैं और यमराज से प्रार्थना करती हैं कि उनके भाई को सुरक्षित रखें।

इसलिए होती है पशु पक्षियों की पूजा

पड़ोसी देश नेपाल में दीपावली के अवसर पर कुकुर तिहार मनाया जाता है। नेपाल के लोगों का मानना है जैसी निकटता इन पशु पक्षियों की आम आदमी से होती है वैसी किसी और जानवर से नहीं। नेपाल में इस पर्व की महिलाओं को साल भर से प्रतीक्षा रहती है। महिलाएं गुंजा चोली पहन भायलो गीत गाती हैं और इनका नमन करती हैं।

रिपोर्ट-कुंवर निर्भय सिंह

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