बराही वन रेंज क्षेत्र में ठेके पर उठा दी हजारों एकड़ वन भूमि, की जा रही है मोटी उगाही
दस हज़ार एकड़ में जंगल की जमीन का ठेका
बराही रेंज में सैकड़ों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा
सीमांकन के नाम पर लाखों रुपए कर लिए जाते हैं चट
कटान शिकार और अवैध कब्जा कराने वाले को नहीं बख्शा जाएगा : एफडी
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के सीमावर्ती एरिया में इन दिनों अवैध कब्जे की भरमार है जबकि पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अधिकारी अपने आप को साफ सुथरा बताने में कोई कसर नहीं छोड़ते है। आरोप है कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बराही रेंज सिमरा बीट के आसपास 400 एकड़ जमीन ठेके पर दी गई है। जिसमें गेहूं, गन्ना, केला आदि की फसल वर्तमान समय में मौजूद है।
यह ठेका रेंज कार्यालय द्वारा सालाना दस हज़ार रुपए पर दिया जाता है। सिमरा, गुनाह, रामनगरा शारदा नदी के आसपास के इलाके में कभी कभार ही गश्त होती है क्योंकि इस रेंज के अधिकारी एक बड़ी रकम सालाना मुख्यालय तक पहुंचा देते हैं।
इधर मुख्यालय द्वारा सीमांकन के नाम पर हर साल लाखों रुपए चट कर ली जाती हैं ।अब ऐसे में वन्यजीव कैसे बचेंगे यह तो कुदरत ही मालिक है। पिछले दिनों पूर्व एफडी के समय में ढक्का चाट में काफी जमीन खाली कराई गई थी लेकिन उस पर भी अवैध कब्जा करा दिया गया है।
बराही रेंज अवैध शिकार और कटान में हमेशा लिख रही है। यहां तक कि इस रेंज में रहे अधिकारियों ने काफी जमीन कब्जा कर अपने रिश्तेदारों के नाम करा रखी है। जंगल के आसपास की जमीन पर ज्यादातर जंगल विभाग में रहे अधिकारियों का ही कब्जा है।
आरोप है कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अधिकारी सहित रेंज अधिकारी इस मिलीभगत में शामिल है क्योंकि जंगल की जमीन पर साल भर तक फसल रहना यह अपने आप में एक सवालिया निशान है। स्थानीय लोगों की मदद से माधोटांडा कलीनगर एवं रामनगरा के रसूखदारों के जरिए यह जमीन हर साल दस हज़ार प्रति एकड़ पर दी जाती है।
वन्य जीवन से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं : एफडी
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के कार्यवाहक एफडी जावेद अख्तर ने पत्राचार के माध्यम से पीटीआर में सभी को निर्देशित किया है कि अगर किसी भी प्रकार का शिकार अवैध कब्जा अवैध कटान की शिकायत मिलती है तो तत्काल संबंधित अधिकारी या कर्मचारी पर कार्यवाही की जाएगी वन्य जीवन के प्रति जागरूक सतर्क रहकर अपने कार्य का निर्वहन करें।
रिपोर्ट-बिलाल मियां
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