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माइनरें ध्वस्त भू-जल को खाली कर रहे किसान, अधिकारी बने अनजान

_बड़ा संकट बन सकता है भू-जल दोहन की अनदेखी करना_

पूरनपुर-पीलीभीत। जमीन सिचाई के लिए भू-जल का खुला इस्तेमाल हो रहा है, जोकि भविष्य के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है। फिलहाल वर्तमान में संबंधित अधिकारी अनजान बने हुए है और किसान जाने अंजाने में भू-जल को खाली करने में लगे हैं। सिचाई विभाग की स्थिति किसी से छुपी नहीं है और ज्यादातर माइनरें बंद हैं। नहर में पानी न छोड़े जाने से किसान फसल को तैयार करने में भू-जल का प्रयोग कर रहे है।

फसलों की सिचाई के लिए पूरनपुर क्षेत्र में करीब एक दर्जन से अधिक माइनरें है जो संबंधित विभाग की लापरवाही के चलते चोक है। यह माइनरें देख- रेख के अभाव में बंद हो गई हैं और किसान परेशान है। कृषक मंहगे डीजल को खरीदकर धान की फसल को मजबूरी वस भू-जल से सींच रहा है। एक तरफ संबंधित अधिकारी भू-जल संरक्षण को कार्यशालाएं आयोजित कर रहे है तो दूसरी ओर इस समस्या को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। प्रति वर्ष नहर व नालों की साफ सफाई के नामपर करोड़ो रूपये ठिकाने लगाने वाला सिचाई विभाग अनजान बना हुआ है। घोर लापरवाही के चलते माइनरों में पानी नही छोडा़ जा रहा है। इससे किसान काफी परेशान है और फसल को तैयार करने के लिए भू-जल का उपयोग कर रहे है। इससे भविष्य में भू-जल का संकट उत्पन्न हो सकता है। सरकारी धन का हर साल की तरह बंदरबांट कर लिया गया है और माइनरों में घासफूस खड़ा हुआ है। कई माइनरों का स्वरूप ही खत्म कर दिया गया है। सिंचाई विभाग इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है।

रिपोर्ट-रामनरेश शर्मा सरल

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