दिल्ली में 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा मामले में नोटिस तामील कराने पहुंची दिल्ली पुलिस, मचा हड़कंप
घुंघचाई। लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के अलावा उग्र हुए लोगों ने जमकर तांडव किया था। घटनाक्रम में पुलिस द्वारा संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया। वही लाल किले पर दिखे ट्रैक्टर क्षेत्र का पाया गया। जिस पर दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर स्वामी के अलावा अन्य कई आंदोलनकारियों पर मुकदमा दर्ज किया है ।जिन को नोटिस भेज कर पूछताछ में सहयोग के लिए बुलाया गया। घटनाक्रम की जानकारी पर लोगों में उथल-पुथल मची हुई है। केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून बिल लाया गया जिसके विरोध में किसान लंबे अरसे से दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं हद तब हो गई जब गणतंत्र दिवस पर किसान नेताओं द्वारा शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च निकालने की बात कहीं गई जिस पर सरकार द्वारा रूट निर्धारित कर दिए गए थे लेकिन किसान आंदोलन में सम्मिलित बवाली लोगों ने लाल किले पर पहुंच कर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था। इस दौरान कई पुलिस कर्मियों के साथ बदसलूकी कर हाथापाई की गई घटनाक्रम से दिल्ली में उथल-पुथल मच गई और इस मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। शनिवार को दिल्ली पुलिस थाना पांडेपुर में दर्ज अपराध संख्या 26/21 के तहत गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किए गए। पुलिस ने सीसीटीवी के कैमरे में घुंघचाई चौकी क्षेत्र के शाहबाजपुर गुरुद्वारे के प्रमुख ग्रंथि के नाम पर ट्रैक्टर को आंदोलन में सम्मिलित पाया। सीसीटीवी फोटो के आधार पर प्रमुख ग्रंथि को मुख्य आरोपी बनाते हुए अन्य 27 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज दर्ज किया गया। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुदेश पाल राणा पुलिस टीम के साथ स्थानीय पुलिस से मिले और गुरुद्वारे में पहुंचकर ग्रंथि को नोटिस दिया गया लेकिन वह नहीं मिल पाए। जिस पर गुरुद्वारे के सेवादार कुलदीप सिंह से नोटिस तामील करवाया गया और नोटिस में आरोपितों को अपना पक्ष रखने के लिए 10 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने बुलाया है। मामले की भनक जब क्षेत्र में फैली तो दिल्ली सम्मिलित रहे लोग भूमिगत हो गए। इस दौरान स्थानीय पुलिस भी दिल्ली पुलिस के साथ थी। अन्य कई जगह भी नोटिस तामील कराने का कार्यक्रम दिल्ली पुलिस द्वारा किया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस द्वारा नोटिस तामील कराने की जानकारी जैसे ही यहां सम्मिलित होने गए लोगों को लगी तो लोग अपने घर से नदारद हो गए और सूचना यहां तक थी कि रात में भी दिल्ली पुलिस संभावित लोगों के दबिश देकर उनकी गिरफ्तारी कर सकती है। राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के अलावा गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है जिससे लोगों में भय है।
इ दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ उप निरीक्षक सुरेश पाल सिंह राणा का कहना है कि पुलिस को उस दिन की घटना क्रम के कई नए नए सीसीटीवी फोटो मिल रहे हैं और इस मामले में और भी आरोपितों के नाम मुकदमे में बढ़ेंगे हालांकि पुलिस द्वारा जिन 27 अज्ञात लोगों को नामजद किया गया है उनका नाम खोलने से पुलिस परहेज करती रही।
चौकी पर दिल्ली पुलिस पहुंची और कृषि कानून के मामले में दिल्ली में दर्ज मुकदमों के संबंध में पुलिस को अवगत कराया और संबंधित लोगों के यहां नोटिस देने के लिए चलने को कहा लेकिन दिल्ली पुलिस स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं करती देखी गई क्योंकि हो सकता है कि स्थानीय पुलिस लोगों को मामले की जानकारी दे दे।
चौकी प्रभारी गौरव विश्नोई ने बताया कि पुलिस आई थी और उसका पूरा कॉर्पोरेट किया गया है जो भी सम्मिलित लोग दिल्ली आंदोलन में सम्मिलित रहे उनकी सूची भी साझा की गई है। उस दिन जो लाल किले पर घटना हुई वह शर्मसार करने वाली है और इसमें जो भी सम्मिलित है उसके खिलाफ कड़े कानून के तहत धाराओं में मुकदमा दर्ज है।
गुरुद्वारे के प्रमुख ग्रंथि से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो फोन बंद था । गुरुद्वारे के सेवादार ने बताया कि दिल्ली के आंदोलन के दौरान संगत की ओर से लंगर का कार्यक्रम चलाया जा रहा था। ट्रैक्टर भी वहां गया था। कौन लेकर वहां पहुंचा कोई असामाजिक तत्व के हाथ लग गया। इसकी जानकारी नहीं है। हम राष्ट्रध्वज सहित देश की अस्मिता के खिलाफ कभी नहीं रहे और ना ही हमारा समाज है।
रिपोर्ट लोकेश त्रिवेदी
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