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घायल टाइगर को सामाजिक वानिकी की टीम द्वारा किया गया रेस्क्यू

*24 घंटे से प्लास्टिक के जाल में उलझा हुआ था टाइगर*

*पीटीआर और सामाजिक वानिकी ने दिखाए अच्छा प्रदर्शन*

पीलीभीत। ललौलीखेड़ा ब्लाक के ग्राम हरचुइया मैं अमित पटेल के गन्ने खेत में डेरा जमाए टाइगर को पकड़ने के लिए सामाजिक वानिकी और पीटीआर की टीम एक मंच पर नजर आई दरअसल पिछले एक दिन पूर्व टाइगर ग्राम हरचुइया में देखा गया था।
इसके बाद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना विभाग को दी शनिवार सुबह मौके पर वन दरोगा शेर सिंह अपनी टीम के साथ पहुंचे जब उन्होंने टाइगर के पास जाकर बंद गाड़ी से देखा तो टाइगर बुरी तरह प्लास्टिक के जाल में उलझा हुआ था अगर अधिकारियों की माने तो यह जान ग्रामीण छोटे वन्य जीवन की शिकार के लिए लगाते हैं लेकिन इसमें टाइगर फस गया फिलहाल आनन-फानन में शेर सिंह ने इसकी सूचना पीलीभीत सामाजिक वानिकी के डीएफओ श्री संजीव कुमार को दी जिसके बाद वन्य महफिल में हड़कंप मच गई डीएफओ संजीव कुमार ने तत्काल पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ उत्तर प्रदेश श्री पवन कुमार शर्मा से संपर्क करते हुए पूरी घटना की जानकारी दी इसके बाद तत्काल प्रदेश स्तर से टाइगर को ट्रेंकुलाइज करने के आदेश जारी कर दिए गए दोपहर होते-होते टाइगर की मौजूदगी वाले गन्ने के खेत के आसपास ग्रामीण एवं अधिकारियों का जमावड़ा लगने लगा पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डीएफओ श्री नवीन खंडेलवाल ने पहले अपने ड्रोन कैमरे से मौका मुआयना किया उसके बाद एक टीम बनाते हुए पीटीआर के वी.ओ श्री दक्ष गंगवार ललौलीखेड़ा के पशु चिकित्सक श्री एसके राठौर गजरौला की पशु चिकित्सक श्री राजुल सक्सैना की तीन टीम बनाते हुए हुए टाइगर को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति स्थानीय स्तर से जारी कर दी इधर पूरनपुर एसडीओ श्री प्रवीण खरे और सामान्य सामाजिक रेंजर श्री सत्येंद्र चौधरी को इस ऑपरेशन में जरूरत की चीजें एकत्र करने की जिम्मेदारी दी गई एक अच्छी टीम वर्क पर सफलतापूर्वक शनिवार 4:00 बजे डॉ दक्ष ने डांट मारी जिसके बाद टाइगर को रिसीव कर लिया गया। इस बार किसी बाहर के पशु चिकित्सक की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि पीटीआर में नियुक्त किए गए डॉ दक्ष गंगवार ने पीटीआर पद ग्रहण के बाद पहला ऑपरेशन सफलतापूर्वक कर दिखाया।
टाइगर को ट्रेंकुलाइजर गन से इंजेक्शन देने के बाद लगभग 20 मिनट इंतजार किया गया उसके बाद डॉक्टर और डब्ल्यू टी आई की टीम ने टाइगर के पैरों में जो प्लास्टिक के जाल से घाव हो गए थे उसमें दवा लगाई और टाइगर का वजन किया गया जिसके बाद एक बड़े पिंजरे में टाइगर को रखकर जंगल के किसी हिस्से में ले जाया गया प्रदेश स्तर अनुमति मिलने के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व और सामाजिक वानिकी के अधिकारी इस टाइगर को सुरक्षित जगह छोड़ देंगे।


एक घंटे के टाइगर रेस्क्यू ऑपरेशन में सामाजिक वानिकी और पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने यह साबित कर दिया कि अगर प्रदेश स्तर से समय रहते हैं टाइगर रेस्क्यू करने की अनुमति मिल जाए तो जो भी संसाधन है उसके सारे और अपने अनुभव से हर रेस्क्यू इसी तरह सफलतापूर्वक किया जा सकता है।


इस मौके पर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर बिलाल मियां, बाघ मित्र ठाकुर अतुल सिंह,सामाजिक वानिकी रेंजर सत्येंद्र चौधरी, रेंजर राम जी, वन दरोगा शेर सिंह, दिग्विजय सिंह, देवेंद्र पाल सिंह, नवीन सिंह बोरा, देव ऋषि, डब्ल्यूटीआई से मयूख चटर्जी,सुशांत सोम (जीवविज्ञानी),स्वामी शंकर (समाजशास्त्री),अभिप्षा घोष (जीवविज्ञानी),समीर (जीवविज्ञानी),करम सिंह,पालु शैलेंद्र कुमार चेतन कुमार मौजूद रहे।

रिपोर्ट-बिलाल मियां

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