गणतंत्र दिवस : “सारा जग गाया करता है तेरे गीत प्रकाम, हे भारत माँ ! तुमको प्रणाम” ।
गणतंत्र दिवस एवं भारत माता पूजन दिवस पर राष्ट्र को समर्पित भाव पुष्प
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हे भारत माँ !तुमको प्रणाम ।
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सारा जग गाया करता है तेरे गीत प्रकाम ।
हे भारत माँ !तुमको प्रणाम ।
मुकुट तुम्हारा शुभ्र हिमालय और वनस्पतियाँ करतल ।
धोता चरण तुम्हारे दोनों गरज गरज कर सागर जल ।
हृदय बनी है दिल्ली नगरी काशमीर है मुखमण्डल ।
सश्य श्यामला भू करने को नदियाँ बहती हैं अविरल ।
जहाँ देवता जन्म चाहते स्वर्गाधिक यह भू अभिराम ।
हे भारत माँ! तुमको प्रणाम ।।१।।
मेघ सदा जल वर्षण कर करते अभिषेक तुम्हारा ।
साथ उषा के दिनकर प्रतिदिन फैलाते उजियारा ।
लिए मुक्ति का दृढ़ व्रत बहती है सुरसरि की धारा ।
अखिल विश्व में पावनतम यश फैला हुआ तुम्हारा ।
वसुधा वसुदा क्षमा धरित्री सब सच्चे तव नाम ।
हे भारत माँ ! तुमको प्रणाम ।।२।।
नित्य भोर में सप्त स्वरों में नभचर गीत सुनाते ।
कहीं प्रभाती की ध्वनि घण्टे मन्दिर में घहराते ।
कहीं आरती कहीं यग्य के मंत्र उचारे जाते ।
हल बैलों के साथ कृषक गण कहीं खेत पर जाते ।
होती कहीं अजान कहीं गुरुवाणी ललित ललाम ।
हे भारत माँ ! तुमको प्रणाम ।।३।।
तरुवर स्वागतार्थ ऋतुपति के वन्दनवार सजाएँ ।
सजी धजी सी पुलकित होतीं लोनी ललित लताएँ ।
अनुपम लख शोभा निसर्ग तव सुरगण भी ललचाएँ ।
क्रीडा करने तव गोदी में ईश उतर कर आएँ ।
कह न सके गुण गौरव तेरा हारे विदुष तमाम ।
हे भारत माँ ! तुमको प्रणाम ।।४।।
रचनाकार -पंडित राम अवतार शर्मा
अध्यक्ष देवनागरी उत्त्थान परिषद
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