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शादी पार्टियों और महफिलों में भी हो रहे चुनावी चर्चे
खानपान के साथ मतदान भी लोगों की प्राथमिकता में, चुनावी चर्चा में फीके लग रहे पकवान
पीलीभीत। शनिवार शाम को 9 बजे का वक्त और पूरनपुर में होटल राम एंड रेस्टोरेंट का ग्राउंड। कुछ लोग भोजन व नाश्ते के स्वाद में व्यस्त थे तो कुछ चुनावी चर्चा में। सबलपुर खास के पूर्व प्रधान कौशल किशोर वाजपेई कुछ लोगों के साथ चुनावी चर्चा करते नजर आए। पूरनपुर में कौन किस पक्ष में है। किसे नफा और किसे नुकसान होगा। पीलीभीत में शाने अली के बसपा से आने का भाजपा प्रत्याशी पर क्या प्रभाव पड़ेगा। बरखेड़ा में विरोध का बखेड़ा भाजपा के बाबा जी का बाजा तो नहीं बजा देगा? बीसलपुर में ऊंट किस करवट बैठेगा। क्या धमकाये जाने का असर मतदाताओं पर होगा? यह सब चुनावी चर्चे बारात के पंडाल में आम थे। हमने कई लोगो को टटोला। लोगों ने मुंह भी खोला। सब अपने प्रत्याशी की खूबियां व दूसरों की कमियां गिना रहे थे। तीन तरफ सजे पकवानों के स्वाद राजनैतिक चर्चा के सामने फीके पड़ रहे थे। हर कोई चुनावी चर्चा में मशगूल था।
शनिवार की रात पूरनपुर के पंकज कॉलोनी निवासी अधिवक्ता संजय पांडे की बिटिया की शादी थी। यह बारात पूरनपुर से ही आई थी इसलिए बराती व घराती एक ही विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते थे। ऐसे में इनमें से अधिकांश लोग क्षेत्रीय थे जो आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बारात के पंडाल में चुनावी चर्चा करते देखे गए। एक तरफ डीजे पर बारात के गाने तेज स्वर में बज रहे थे तो कुछ लोग भोजन पर टूट पड़े थे। तो कुछ स्टालों पर लगी भीड़ में मन पसंद नाश्ते की तलाश कर रहे थे। चाय पर चर्चा की बजाय कॉफी पर चर्चा भी इस बारात के पंडाल में जारी थी। बाराती व घराती अगला विधायक कौन होगा, इस बात पर ज्यादा ध्यान दे रहे थे। क्योंकि इस बारात में तो वर-वधू आमने सामने थे लेकिन 23 फरवरी को होने वाली राजनैतिक बारात (मतदान) में दूल्हा यानी विधायक का चयन होना अभी बाकी था। ऐसे में हर कोई राजनीतिक चर्चा करता नजर आया। खाने-पीने के समय भी हाथ में प्लेट पकड़कर लोग वोटों की गिनती, जीत हार की शर्तें और ना जाने क्या क्या वादे व दावे करते नजर आए। इस कार्यक्रम में भाजपा प्रत्याशी बाबूराम पासवान खुद पहुंचे थे तो उनके दर्जनों समर्थक भी मौजूद थे। दूसरी पार्टियों के लोग भी खाना खाते खाते वोटों का गुणा भाग लगा रहे थे। यह इकलौती शादी नहीं थी इसी तरह की दूसरी शादियों व अन्य पार्टियों व महफिलों में भी आजकल चुनावी चर्चा जारी है। चाय की दुकान हो अथवा अन्य कोई प्रतिष्ठान, जहां 4 लोग बैठते हैं वहां चुनाव की चर्चा अनायास शुरू हो जाती है। कौन जीत रहा है, कितना अंतर होगा, किसने क्या किया, कौन क्या करेगा, किसको लाभ हो रहा है और किसे हानि हो रही है।
आसपास की सीटों पर भी होती है चर्चा
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पूरनपुर के अलावा जिले की पीलीभीत, बरखेड़ा व बीसलपुर सीटो के अलावा आसपास की पुवायां, पलिया विधानसभा क्षेत्र में क्या चल रहा है। पड़ोस की खटीमा विधानसभा जहां पूरनपुर के विजयपाल विक्की समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं और उनके मुकाबिल हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। उस सीट पर भी विजयपाल विक्की क्या गुल खिला पाएंगे, इस बात पर भी पीलीभीत में अक्सर चर्चा होती है खेत खलिहान घरों में भी चुनावी चर्चे हैं। गांव की चौपालों में भी आजकल किसने क्या दिया। कौन क्या देगा। किसकी सरकार से नुकसान होगा, कौन फायदा करेगा। यह सब बातें आम हैं। पीलीभीत में 23 फरवरी को मतदान होना है। तब तक इसी तरह चुनावी चटकारे आपको देखने व सुनने को मिलते रहेंगे।
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