टाइगर रिजर्व में अनाधिकृत ढंग से हो रहा मछलियों का शिकार

वनकर्मियों व सिचाई बिभाग की मिलीभगत पीटीआर में चल रहा मछलियों का अबैध शिकार

पूरनपुर: सिचाई बिभाग व वन विभाग की मिलीभगत के चलते पिछले कई माह से टाइगर रिजर्व में मछलियों के अबैध शिकार हो रहा है। यह धंधा क्षेत्रीय शिकारियों व वन कर्मियों की मिलीभगत से टाइगर रिजर्व से चल रहा है। शिकारी लगातार मछलियो का शिकार कर बाजारों में उंचे दामों में बिक्री कर रहे है। बराही व महोफ सहित अन्य कई रेजों में मछलियों का

शिकार धड़ल्ले से किया जा रहा है।इन दिनों पीलीभीत के वन रेंज बराहीं क्षेत्र सिमरा वन चौकी के अंतर्गत आने वाला वन क्षेत्र सिमरा ता० महराजपुर, कटकवारा, बरुआ कुठारा सहित वहां के वन कर्मचारियों की मिली भगत से टाईगर रिजर्व की सुतिया में मछलियों शिकार करवाकर बरांही रेंजर व सिमरा सुतिया बरूआ सुतिया व कटकवारा के जंगल में मछलीयो का शिकार धडल्ले से चल रहा है। टाइगर रिजर्व से पहले जंगल किनारे नदियों व जंगल के अंदर तालाबों का मछली पकड़ने

का ठेका दिया जाता था। इसका धन वन विभाग के खाते में जमा होता था। टाइगर रिजर्व बनने के बाद जंगल में घुसने तक पाबंदी लगा दी गई लेकिन वनकर्मियों की मदद से चलते शिकारी जंगल के अंदर व बाहर मछलियों का अवैध शिकार कर रहे हैं। विभाग द्वारा इन तालाबों का ठेका चोरी चुपके देकर लाखों रुपयों का दाम वसूला जाता है। जंगल के अंदर मछलियों के शिकार के साथ-साथ जंगली जानवर व पक्षियों को भी शिकारी नुकसान पहुंचा रहे है। शिकारियों ने वन विभाग से सांठगांठ कर सीमावर्ती टाइगर रिजर्व के वन रेंज की बराही, महोफ रेंज सहित अन्य कई रेजों में मछली का शिकार शुरू किया था। नहर के कई झालो पर ठेकेदारो द्वारा अवैध

रूप से झालो पर अबैध रुपये से पट्टे लगाकर मछलियों का शिकार किया जाता है। ठेकेदार सिंचाई विभाग की मिलीभगत से घर को बंद करा कर शिकार कर मालामाल हो रहें हैं। टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर आदर्श कुमार ने बताया जंगल के अंदर मछलियों का शिकार होना गंभीर मामला हैैै। जांच पड़ताल कराई जाएगी। दोषी पाए जानेेे पर कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्ट-शैलेन्द्र शर्मा “व्यस्त”

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