पिता के बाद रॉयल किंगड़म रिसोर्ट के स्वामी वरिंदर सिंह सहोता का भी निधन, शोक जता रहे लोग

पीलीभीत। शाहगढ़ के गांव बलकरनपुर निवासी सरदार जसबंत सिंह का निधन कुछ दिन पूर्व कोविड-19 संक्रमण के चलते हो गया था। उनके पुत्र पुत्र वरिंदर सिंह सहोता जो रॉयल किंगडम रिसोर्ट के स्वामी थे का निधन कल हो गया। इस पर लोग शोक संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। सोशल मीडिया मीडिया पर भी उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है।

देखिए पत्रकार सतीश मिश्र द्वारा अपने फेसबुक पेज पर लिखी गई यह पोस्ट

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=3766974860096863&id=100003531576226

वरिंदर सहोता….
नाम था एक सोच का। एक नये आइडियाज के भंडार का। उन प्रवासियों के सरताज का जो विदेश का ऐशोआराम छोड़कर अपना जहां बेहतर बनाने की धुन मन में लेकर आ गए और डट गए अपराजित योद्धा की तरह। पीलीभीत को बेहतर बनाने में अहम रोल रहा है आपका। पर कोरोना ने आपको भी हरा दिया। पहले आपके पापा श्री जसवंत सिंह जी और अब आप चले गए, यह असहनीय पीड़ा है। पर क्या किया जाय महामारी का दौर ही ऐसा है।


खैर कुछ बातें आप से सम्बंधित होना भी जरूरी है। सर्वविदित है कि अमूनन धन के गुमान में लोग अहंकारी हो जाते हैं पर सहोता जी की सोच विकासवादी थी। मंडल का सबसे खूबसूरत रॉयल किंगड़म रिसोर्ट उनके रॉयल विचारों की ही परिणति थी। जब मिलते तब नए आइडिया बताते, सुझाव मांगते। मंडलायुक्त के कहने पर रॉयल किंगडम के गेट पर जब टाइगर स्थापित कराया

तो बोले ऐसा सिस्टम चाहता हूँ कि कोई नीचे से निकले तो बाघ मुंह फैलाये और साथ ही उसकी दहाड़ भी सुनाई दे। पुरखों की याद में ऐसा अस्पताल खोलने की इच्छा बताई थी जिसमें मामूली खर्च पर सभी बीमारियों का उपचार हो सके।

गोमती पर जब डीएम पुलकित खरे ने कम खर्च में रेस्टोरेंट संचालित करने को कहा तो उसे कम समय में अमली जामा पहना दिया।

फुलहर झील के पूरब पेड़ों पर नीचे से ऐसी लाइटें लगवा दीं जो लोगों का आकर्षित करतीं हैं। मुझे बताया था कि डीएम साहब से स्टीमर संचालन हेतु एक झील मांगी थी। 25 लाख की मोटरबोट कमिश्नर के मांगने पर शारदा सागर जलाशय में बोटिंग शुरू करने हेतु देने को सहोता जी सहर्ष सहमत हो गए थे। गोमती पर मिले तो सपरिवार रिसोर्ट आने को आमंत्रित किया।


फिल्मों की शूटिंग हेतु अभिनेता राजपाल जी के आग्रह पर जब मैंने सहोता जी से 100 रूम की डिमांड की तो बोले मिश्रा जी अगले वर्ष तक बनवा दूंगा। तब तक टेंट सिटी फिल्मी कलाकारों हेतु तैयार करने का प्रस्ताव दे डाला। सर्वे हेतु आ रहे राजपाल जी का हेलीकाप्टर रिसोर्ट के सामने फील्ड में उतारने हेतु भी हामी भर दी। न शब्द तो शायद उनके शब्दकोश में था ही नहीं।

वरिंदर जी के असमय जाने से एक विकासात्मक सोच का अंत हो गया। ना जाने वे पर्यटन के क्षेत्र में पीलीभीत को किस मुकाम तक ले जाते। उनकी नई व विकासात्मक सोच को शासन ने भी माना और पर्यटन में नव व विकासवादी सोच हेतु प्रमाणपत्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया।

पेट्रोल पंप यूनियन में शामिल करने हमारी टीम पहुंची तो सहर्ष सहमति दी। राम मंदिर हेतु शासन स्तर पर चंदा दे आये थे पर जब पूरनपुर विधायक श्री बाबूराम पासवान पहुंचे तो अपना असमंजस मुझसे साझा किया और उन्हें भी अच्छी राशि का चेक दे दिया। रिसोर्ट में तभी उनके साथ अंतिम बार चाय नाश्ता हुआ था। विदेश में दवा मैन्युफैक्चरिंग का व्यवसाय होने के बावजूद अपने ग्रह क्षेत्र व देश से इतना अधिक प्यार था कि सब कुछ छोड़ कर यहां आ गए। नमन है ऐसे सच्चे देश प्रेमी को। वरिंदर भाई आप नहीं हैं पर पीलीभीत को रॉयल किंगडम रूपी जो अनमोल तोहफा यहां के लोगों को आपकी याद हमेशा दिलाता रहेगा।

आप यहां के लोगों के दिलों में हमेशा राज करेंगे। वाहे गुरु जी आपको अपने चरणों में स्थान दें यही अरदास कर सकता हूँ। और हां हम सब विचार करें कि सहोता जी पर अथाह धन था, विदेश में विजनेश था। जिले से लेकर शासन स्तर तक उनकी पकड़ थी

पर कोरोना ने उन्हें भी नहीं छोड़ा। वे सबक भी दे गए हैं कि हम सबको खुद ही लड़ना है कोविड से। शासन के नियम, प्रोटोकॉल पालो, मास्क लगाओ। घर पर रहो। तभी बच पाएंगे।
ॐ शांति।

(पत्रकार सतीश मिश्र की फेसबुक पोस्ट)

 

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000
preload imagepreload image
01:30