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पीलीभीत : चुनाव प्रचार में भाजपा भारी, फिर भी अपने कब्जे वाली चारो सीटें बचाने की दुश्वारी

पीलीभीत, पूरनपुर और बरखेड़ा में भाजपा और सपा में सीधा मुकाबला
बीसलपुर में बसपा भी टक्कर में, बन रही त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति
-स्टार प्रचारकों ने बढ़ाई चुनावी सरगर्मी, भाजपा ने उतारे सर्वाधिक स्टार प्रचारक
-जिले में 3 मौजूदा विधायकों व 3 पूर्व मंत्रियों सहित कई नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर
चौथे चरण में शामिल पीलीभीत जनपद की 4 विधानसभा सीटों के लिए 23 फरवरी को मतदान कराया जाएगा। जहां जिला प्रशासन ने चुनावी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं वहीं राजनीतिक दल भी मतदाताओं को लुभाने में कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पीलीभीत, पूरनपुर और बरखेड़ा में भाजपा व सपा के बीच सीधा मुकाबला बताया जा रहा है तो बीसलपुर में बसपा भी फाइट में है। अंतिम समय में स्टार प्रचारकों ने चुनावी माहौल को गर्म कर दिया है। जिले के 3 विधायकों, 3 पूर्व मंत्रियों और कई पूर्व विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। 10 मार्च को किसे विजयश्री मिलेगी यह तो जनपद के जागरूक मतदाता तय करेंगे परंतु पीलीभीत के वर्तमान चुनावी परिदृश्य का आकलन कर रहे हैं समाचार दर्शन 24 के सम्पादक सतीश मिश्र-
यूँ तो सभी 43 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं और प्रचार करते हुए खुद को विधानसभा तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं परंतु मौजूदा स्थिति की बात करें तो पूरनपुर, पीलीभीत और बरखेड़ा में भाजपा और सपा के प्रत्याशियों के बीच आमने सामने का मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां अन्य दलों के प्रत्याशी अभी इतना जोर नहीं पकड़ पाए हैं कि वे मुकाबले को त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय बना पाएं। वहीं बीसलपुर में सपा, बसपा व भाजपा प्रत्याशी के बीच त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल रहा है।
मतदान में सिर्फ दो दिन शेष बचे हैं। ऐसे में जहां उम्मीदवारों ने जाति विरादरी व वादों रूपी अपने तीर तरकसों से निकाल रखे हैं वहीं राजनीतिक पार्टियों ने भी अपने उम्मीदवार घोषित करते हुए उन्हें जिताने के लिए चुनावी गोटियां बिछा दीं हैं। जिन प्रत्याशियों को टिकट मिल गया है वे जी जान से चुनाव प्रचार करने में जुटे हैं परंतु जिनका टिकट कटा है वे दूसरे परेशान हैं। अब देखना यह है कि पीलीभीत के जागरूक मतदाता किसे विधायक चुनते हैं और किसको प्रतीक्षा सूची में डाल देते हैं।
मौजूदा समय में कौन सी पार्टी ने कहां से किसे अपना उम्मीदवार बनाया है और वे किस अंदाज में जोर आजमाइश कर रहे हैं इस बारे में पार्टी वार पड़ताल प्रस्तुत है।
भारतीय जनता पार्टी ने 2 विधायकों को दिया टिकट, एक का काटा
भारतीय जनता पार्टी ने काफी पहले सभी चारों विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए थे। पूरनपुर में मौजूदा विधायक बाबूराम पासवान और पीलीभीत शहर सीट से मौजूदा विधायक संजय सिंह गंगवार पर पार्टी ने दोबारा भरोसा जताते हुए उन्हें हरी झंडी दी है। जबकि बीसलपुर के मौजूदा विधायक रामसरन वर्मा के पुत्र विवेक वर्मा को टिकट दिया गया है। बरखेड़ा में भाजपा के मौजूदा विधायक किशनलाल राजपूत का टिकट पार्टी ने काट दिया है और इस बार स्वामी प्रवक्तानंद को पार्टी प्रत्याशी घोषित किया गया है। भाजपा के सभी सीटों के दर्जन भर से अधिक दावेदार बागी बनकर दूसरे दलों में टिकट के जुगाड़ में लगे रहे। एक दो तो दूसरे दलों से टिकट ले भी आये हैं। जिसमें पूरनपुर से दावेदार अशोक राजा बसपा और दीप्ति वर्मा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मुकाबिल हैं। भाजपा प्रत्याशी सभी सीटों से मुख्य मुकाबिले में हैं। जिले में भाजपा के मौजूदा विधायक बाबूराम पासवान, संजय गंगवार और राम सरन वर्मा, पूर्व मंत्री डॉक्टर विनोद तिवारी, पीसीयू चेयरमेन सुरेश गंगवार, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉक्टर दलजीत कौर, पूर्व विधायक प्रमोद प्रधान मुन्नू, कई ब्लाक प्रमुखों व पार्टी पदाधिकारियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। 
समाजवादी पार्टी ने आरती, शैलेंद्र, दिव्या और हेमराज को दिया टिकट
समाजवादी पार्टी को पीलीभीत में सत्तारूढ़ भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंदी पार्टी माना जा रहा है। 2012 में बीसलपुर छोड़कर बाकी तीनो सीटों पर सपा के विधायक निर्वाचित हुए थे। इस बार समाजवादी पार्टी ने शहर सीट से डॉक्टर शैलेंद्र गंगवार, पूरनपुर से पूर्व विधायक पीतमराम की पुत्रवधू व जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष आरती महेंद्र और बरखेड़ा से पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है। बीसलपुर में पूर्व सांसद डॉ परशुराम गंगवार की पुत्री डॉक्टर दिव्या गंगवार को प्रत्याशी घोषित किया है।  पूरनपुर, पीलीभीत व बरखेड़ा में पार्टी के दूसरे 2 दर्जन से अधिक दावेदार बागी बनकर अन्य दलों में जोड़ गांठ व घुसपैठ का प्रयास करते रहे। जिले में सपा के कद्दावर नेता रहे स्वर्गीय हाजी रियाज अहमद के पुत्र डॉक्टर शाने अली व दामाद मोहम्मद आरिफ को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। जिस पर  डॉक्टर शाने अली ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके हर हाल में चुनाव लड़ने का ऐलान किया और बसपा से टिकट भी ले लिया। पूरनपुर से दावेदार ध्रुव चौधरी ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। सपा के सभी प्रत्याशी भाजपा को करारी टक्कर दे रहे हैं। सपा के बरखेड़ा प्रत्याशी पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष आरती महेंद्र व जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा की प्रतिष्ठा दांव पर है।
कांग्रेस ने बरखेड़ा में जिलाध्यक्ष चब्बा, बीसलपुर से शिखा पांडेय और पूरनपुर में ईश्वरदयाल पर लगाया दांव
पीलीभीत जिले में कांग्रेस पार्टी ने बरखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा जिलाध्यक्ष हरप्रीत सिंह चब्बा को टिकट दिया है जबकि पूरनपुर सीट से ईश्वर दयाल पासवान को मैदान में उतारा है। बीसलपुर सीट से शिखा पांडेय को उम्मीदवार घोषित किया गया है। शहर सीट पर रियाज अहमद के साले अहमद नूरी को प्रत्याशी घोषित किया है। यह प्रत्याशी मुख्य मुकाबले में शामिल होने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष हरप्रीत सिंह चब्बा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
बसपा ने पहले बीसलपुर और बाद में सभी सीटों पर घोषित किये प्रत्याशी
बहुजन समाज पार्टी ने बीसलपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री अनीस अहमद उर्फ फूलबाबू को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। बाद में पीलीभीत, पूरनपुर व बरखेड़ा विधानसभा क्षेत्रों से पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। पूरनपुर में भाजपा से टिकट के दावेदार अशोक राजा को टिकट दिया गया है। पीलीभीत सदर से मुश्ताक अहमद और बरखेड़ा से मोहन स्वरूप वर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है। बीसलपुर छोड़कर कहीं भी बसपा मुख्य मुकाबले में फिलहाल नहीं है। माना जा रहा है कि पूरनपुर और पीलीभीत के बसपा प्रत्याशी अच्छा वोट ले जा सकते हैं। जहां बीसलपुर से प्रत्याशी पूर्व मंत्री अनीस अहमद फूल बाबू की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है वहीं हाजी रियाज अहमद के बेटे शाने अली का कॅरियर भी दांव पर है।
शांतिपूर्ण चुनाव के लिए यह हैं प्रशासनिक तैयारियां
विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पीलीभीत जिले को 13 जोन और 100 सेक्टरों में बांटा गया है। पूरनपुर विधानसभा क्षेत्र में चार जोन बनाए गए हैं जबकि बीसलपुर, पीलीभीत और बरखेड़ा को तीन-तीन जोन में विभाजित किया गया है। पीलीभीत के 206, बरखेड़ा के 187, पूरनपुर के 211 और बीसलपुर के 212 बूथों को वेबकास्टिंग के लिए चयनित किया गया है। पीलीभीत जिले में 969 मतदान केंद्र तथा 1632 मतदेत स्थल बनाए गए हैं। शहर विधानसभा क्षेत्र में 220 मतदान केंद्र और 412 मतदेय स्थल, बरखेड़ा में 238 मतदान केंद्र और 374 मतदेय स्थल, पूरनपुर में 221 मतदान केंद्र और 422 मतदेय स्थल तथा बीसलपुर विधानसभा क्षेत्र में 290 मतदान केंद्र और 424 मतदेय स्थल बनाए गए हैं।  जिले में 23 फरवरी को मतदान और 10 मार्च को मतगणना होगी।
पीलीभीत में हैं 14.40 लाख मतदाता
 पीलीभीत जिले की चारों विधानसभा सीटों पर 14 लाख 40 हजार 310 मतदाता 23 फरवरी को अपना विधायक चुनेंगे। इनमें से 7 लाख 67 हजार 480 पुरुष मतदाता, 6 लाख 72 हजार 771 महिला मतदाता तथा 59 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। पीलीभीत विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख 75 हजार 568 मतदाता, बरखेड़ा में 3 लाख 23 हजार 178 वोटर, पूरनपुर में 3 लाख 83 हजार 219 मतदाता और बीसलपुर विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख 58 हजार 345 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
वर्चुअल प्रचार में जंगल व नेपाल वार्डर बना बाधा, स्टार प्रचारकों ने बढ़ाई गर्मी
कोविड के बढ़ते प्रसार के चलते भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार वर्चुअल प्रचार पर दिया। शुरुआत में जनसभाएं करने पर रोक लगी रही। पीलीभीत जिले में चारों तरफ जंगल होने के कारण नेटवर्क न होने या कम होने से वर्चुअल प्रचार संभव नहीं हो पाया। जिले के लगभग डेढ़ से 200 गांव ऐसे हैं जो या तो जंगल के किनारे हैं या वहां नेटवर्क की समस्या रहती है। 58 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल सीमा के किनारे के गांवों में भी संचार सेवाएं ठीक नहीं हैं। ऐसे में वर्चुअल प्रचार संभव नहीं हो पाया। उधर संचार कंपनियों द्वारा अपने प्लान महंगे कर देने के कारण लोग रिचार्ज नहीं करा पा रहे हैं। अधिकांश मतदाताओं के फोन में इनकमिंग कॉल की सुविधा नहीं है। जिनके फोन चल भी रहे हैं उनके पास डाटा न होने के कारण प्रत्याशी वर्चुअल माध्यम से उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि पहले 10 और बाद में 20 लोगों के साथ चुनाव प्रचार की अनुमति दी गई। डोर टू डोर संपर्क भी एक बड़ी बाधा बना हुआ है। बड़ा क्षेत्र होने के कारण अधिकांश प्रत्याशी अभी तक हर घर तक नहीं पहुंच पाएं हैं। उधर स्टार प्रचारकों ने पीलीभीत में चुनावी सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीलीभीत में जनसभा की तो प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरनपुर और बीसलपुर में चुनावी माहौल को गर्म किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, केबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद, सांसद शांतनु ठाकुर सहित भाजपा के कई बड़े नेता व अन्य दलों के प्रचारक पीलीभीत में चुनावी माहौल को गर्म कर गए। 21 फरवरी को पीलीभीत में गृह मंत्री अमित शाह की जनसभा व रोड शो आयोजित किया जा रहा है। स्टार प्रचारकों को बुलाने में भाजपा सबसे आगे रही है। कई दलों के तो कोई भी स्टार प्रचारक अभी तक पीलीभीत नहीं पहुंचे हैं।
मेनका, वरुण और वीएम सिंह की चुप्पी बरकरार
(फोटो मेनका, वरुण व वीएम)
गांधी परिवार से ताल्लुक रखने वरुण गांधी पीलीभीत जिले से भाजपा के सांसद हैं परंतु चुनाव के दौरान उन्होंने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। वे चुनाव प्रचार करने अभी तक पीलीभीत नहीं पहुंचे हैं। जिले में हुईं सीएम की 3 जनसभाओं का बायकॉट करने नाराजगी जाहिर कर दी है। इस बार भाजपा ने उन्हें स्टार प्रचारक भी नहीं बनाया। हालांकि बाद में वरुण गांधी की माँ पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को स्टार प्रचारक बनाया गया परंतु श्रीमती गांधी भी पीलीभीत में प्रचार करने नहीं आईं जबकि उनका यहां अच्छा खासा प्रभाव है। उधर पूरनपुर से विधायक रहे किसान मजदूर संगठन के संस्थापक वीरेंद्र मोहन (वीएम) सिंह ने भी इस विधानसभा चुनाव में चुप्पी साध रखी है। पूरे चुनाव न तो वे पीलीभीत पहुंचे हैं और ना ही कोई बयान जारी किया है। इसके चलते इन नेताओं के समर्थक मायूस हैं। उनका मानना है कि हो सकता है कि अंतिम समय तक कोई संकेत मिलें।

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