
असली हकदारों को न पेंशन मिल रही और न प्रधानमंत्री आवास
घुंघचाई : नियमों को ताक पर रखकर विधवा विकलांग पेंशन शासन द्वारा निरस्त की गई लेकिन वास्तविक लाभार्थी कई बार आवेदन करने के बाद भी भूमिहीन होने के बावजूद पेंशन आवास सहित सरकारी सुविधाओं से मेहरूम है जो सरकारी सिस्टम की कारगुजारियों की पोल खोल रहा है। पूरनपुर ब्लाक क्षेत्र के दिलावरपुर गांव निवासी सूरज पुत्र राम भजन का परिवार शहद के मीठे धंधे से जुड़ा है लेकिन इस परिवार के लिए अनुभव इतने खट्टे हैं कि दोनों हाथ पैरों से दिव्यांग होने के साथ जमीन के नाम पर भूमिहीन है। बड़ा भाई महिंद्र भी आंशिक रूप से दिव्यांग है ।उसी की की मेहनत मजदूरी के सहारे परिवार का भरण पोषण होता है ।सूरज ने बताया कि कई बार दिव्यांग पेंशन पाने के लिए आवेदन किया गया लेकिन निराशा हाथ लगी।
परिवार के आगे अन्य कोई आय के साधन ना होने के कारण कई समस्याएं आ रही है। मुन्नी देवी अपने पुत्र की पेंशन के लिए कई बार भटक चुकी है लेकिन उस की गुहार सुनने वाला कोई नहीं। वह इस मामले में ग्राम प्रधान रामनिवास शर्मा ने बताया कि मुझे आवेदन अभी तक नहीं दिया गया है सूरज वास्तविक पेंशन का हकदार है जल्दी कागजी कार्रवाई पूरी कर पेंशन दिलवाए जाने का काम किया जाएगा।
रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी
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