पक्की मेड़ योजना : नहीं फूटेंगे सर, न पड़ेंगीं दिलों में दरारें

हास्य अभिनेता राजपाल यादव का तीसरा मशविरा

-बोले-स्वीटजरलैंड की तरह पत्थर से बनाई जानी चाहिए 2 फ़ीट चौड़ी पक्की मेड़ें, खत्म होंगे फौजदारी के लाखों मुकदमें

 

पूरनपुर/पीलीभीत। खेतों की मेड़ काटने छाटने को लेकर अक्सर सर फुटोवल की नौबत आती हैं। आपस में ही लाठियां चलने, खून बहने, सर फूटने जैसी खबरें तो सुनने को मिलती ही हैं दिलों में भी दरारें पड़ जाती हैं। फिर होली हो अथवा दीपावली कभी भी लोग आपस में बैठकर त्योहार की खुशियां नहीं मना पाते। मेड़ों के विवाद में ही लाखों फौजदारी के मुकदमें अपने देश में चल रहे हैं। अगर खेतों की मेड़ों को स्विट्जरलैंड की तरह पक्का पत्थर का बना दिया जाए तो इन सब मुकदमों को समाप्त किया जा सकता है। फिर ना सर फूटेंगे और ना दिलों में दरारें पड़ेंगी। यह कहना है सुप्रसिद्ध हास्य अभिनेता राजपाल यादव का। उन्होंने कहा कि पक्की मेड़ योजना सरकार को तत्काल लागू करनी चाहिए।
पड़ोसी जनपद शाहजहांपुर के ग्राम कुंडरा निवासी हास्य अभिनेता राजपाल यादव ने फिल्म जगत में अपनी गहरी पैठ बनाई है। नेगेटिव रोल के जरिए फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री मारने वाले राजपाल यादव अभी तक अपने मसखरेपन के लिए जाने जाते थे परंतु आब वे मशविरा देने वाले राजपाल वाली पहचान बना रहे हैं। उनके द्वारा जो मुद्दे उठाए जा रहे हैं उनकी लोगों में काफी तारीफ भी हो रही है। अपने सात मुद्दों में से राजपाल यादव ने पहला मुद्दा गोमती नदी के किनारे गंगा व यमुना एक्सप्रेस वे की भांति गोमती एक्सप्रेस वे लखनऊ तक बनाने, गोमती की साफ सफाई करने एवं इसके तट पर गौशालाएं स्थापित करने का रखा है। दूसरे मुद्दे में वे पीलीभीत सहित पूरे रुहेलखंड मंडल में पर्यटन के विकास की बात कर रहे हैं। उनके तीसरे मुद्दे पर आज सतीश मिश्र ने उनसे बात की पक्की मेड़ योजना पर। राजपाल यादव का कहना है कि वे 15-16 साल पहले पहली बार स्वीटजरलैंड के दौरे पर गए थे। वर्न सिटी से इंटरलाकिंग जिले की यात्रा ट्रेन से की थी। उस दौरान वहां जो नजारा उन्होंने देखा था उसे आज तक नहीं भुला पाए हैं। राजपाल यादव का कहना है कि वहां की तर्ज पर दोनों तरफ से एक-एक फीट जगह लेकर 2 फीट की पक्की मेड उस पत्थर से बना देनी चाहिए जो बिल्कुल बेकार है। इस पक्की मेड पर लोग मोटरसाइकिल से आसानी से आ जा सकेंगे और इसे ट्रैक्टर के हैरो या फावड़े से काटना असंभव होगा। ऐसे में रोज-रोज के झगड़ों से लोगों को मुक्ति मिलेगी। फौजदारी के मुकदमें स्वत: समाप्त हो जाएंगे क्योंकि गांव में लोग मेड़ को मूंछ से जोड़ लेते हैं और आपस में सर फुटबल की नौबत आ जाती है, दिलों में दरारें पड़ जाती हैं। पक्की मेड़ योजना से यह सभी झंझट स्वत: समाप्त हो जाएंगी। गांव से जुड़े राजपाल यादव का कहना है कि उन्होंने खुद मेड़ को लेकर झगड़े होते देखे हैं। सर फुटते देखे हैं इसलिए उन्हें एहसास है।

खुद के खेतों में पक्की मेड़ का प्रयोग करने जा रहे राजपाल

हास्य अभिनेता राजपाल यादव का कहना है कि वे सिर्फ मशविरा ही नहीं दे रहे हैं बल्कि अपने खेत में भी इस तरह की मेड़ बनाने की तैयारी में हैं। हो सकता है इसमें एक से डेढ़ साल लग जाए परंतु वे अपने खेतों में 2 फीट चौड़ी मेड़ बना देंगे और इसके फायदे लोगों को बताते हुए खेत में ले जाकर समझाएंगे तब लोगों की समझ में आसानी से आ जाएगा। उनका कहना है कि यह मशवरा बहुत काम का है अगर सरकार इस पर काम करें तो काफी समस्याएं स्वत: समाप्त हो जाएंगी। उनका कहना है कि सरकार को किसी एक जिले में मॉडल के तौर पर इसे लागू करना चाहिए और जब अच्छे रिजल्ट हो तो अन्य जनपदों में भी इस मेड़ योजना को शुरू कर देना चाहिए।

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