“रामराज्य बस आया समझो, सपने नये दिखाने आये”: संजीव शशि
” गीत पुराने गाने आये ।
फिर हमको समझाने आये ।।
पांच वर्ष बस जख्म दिये हैं ।
अब हैं दवा लगाने आये ।।
राम राज्य बस आया समझो ।
सपने नये दिखाने आये ।।
कुर्सी इतराती है खुद पर ।
लो कितने दीवाने आये ।।
तरह तरह के झंडे इनके ।
किंतु चरित्र पुराने आये ।।
कितनी भी हम इन्हें सुना दें ।
यह कब हैं शरमाने आये ।।
केवल मैं ईमान वाला हूं ।
सबको चोर बताने आये ।।
खेल शुरू ‘ शशि ‘ कुर्सी वाला ।
करतब नये दिखाने आये ।।”
संजीव ‘शशि’
पीलीभीत
मो. 08755760194
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