दो दशक पुराने मुकदमे में दोषमुक्त हुए व्यापारी नेता हंसराज, अजय और जाहिद, मिल रहीं बधाइयाँ
पीलीभीत। करीब 20 साल पुराने मुकदमे में कोर्ट ने साक्ष के अभाव में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रांतीय उपाध्यक्ष हंसराज गुलाटी समेत तीन व्यापारी नेताओं को दोष मुक्त करार दिया है। अभियोजन पक्ष की कहानी के अनुसार गत 11 फरवरी 2003 को एसआईबी के व्यापार कर अधिकारी पीएस राय अपने सेवक अशफाक अहमद व पुलिस कांस्टेबल कविंद्र नाथ राय के साथ जांच सर्वे करने पूरनपुर गए थे। टीम द्वारा सर्वप्रथम मैसर्स सुरेंद्र एजेंसी मेन मार्केट पूरनपुर की सर्वेक्षण जांच सर्वेक्षण डायरी पूर्ण कर बिहारी लाल शिव कुमार मेन मार्केट पूरनपुर की सर्वेक्षण जांच/ सर्वेक्षण डायरी चल रही थी। इसी बीच तीसरी फॉर्म मैसर्स अग्रवाल हौजरी मेन मार्केट की जांच के दौरान व्यापारी नेता हंसराज गुलाटी, नगर अध्यक्ष जाहिद खान तथा व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष अजय खंडेलवाल के साथ व्यापारियों की भारी भीड़ अग्रवाल हौजरी में घुस गई। जाहिद खां ने मेरे हाथ से जबरन डायरी छीन ली और अप शब्द कहे। डायरी को फाड़ कर फेंक दिया। एकत्रित भीड़ को देखते हुए वहां से तुरंत हटना पड़ा। इस तरह राजकीय अभिलेख नष्ट करके सरकारी कार्य में बाधा डाली गई तथा सर्वेक्षण टीम पर हमला करने के लिए उकसाकर अपराधिक कृत्य किया गया। इस संबंध में भोलानाथ अस्थाना द्वारा लिखित तहरीर पूरनपुर पुलिस को दी गई। जिसके आधार पर तीनों लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 332, 353, 504, 427 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस ने मुकदमे की विवेचना के बाद चार्ज शीट न्यायालय में दाखिल कर दी। जिसमें तीनों को दोषी पाया गया। मुकदमें की सुनवाई के दौरान सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रियंका मौर्या ने अभियोजन पक्ष से जब साक्ष्य मांगे तब अभियोजन पक्ष मौखिक के अलावा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कर सका। प्रतिवादी पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता शिव शर्मा ने पैरवी की। अभियोजन पक्ष द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत न करने पर सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रियंका मौर्या ने हंसराज गुलाटी
अजय खंडेलवाल, व जाहिद खां
को भारतीय दंड संहिता से दोष मुक्त करार दिया। साथ ही अभियुक्त गण के निजी बंध पत्र व जमानत नामा निरस्त कर प्रतिभूति को जमानत के दायित्व से उन्मुक्त कर दिया। तीनों व्यापारी नेताओं के दोष मुक्त होने पर उन्हें बधाइयां मिल रही हैं।
श्री गुलाटी ने इसे सत्य की जीत बताते हुए कहा कि फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसमें माननीय न्यायालय ने उन सबको दोष मुक्त कर दिया। उन्होंने इसे व्यापारियों की जीत बताया है। बोले ना कभी मुकदमों से डरा हूं और ना डरूंगा। व्यापारियों के लिए आजन्म संघर्ष करता रहूंगा।
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