
आज गोमती उदगम तीर्थ पर रोपा जाएगा “कल्प वृक्ष”, पूरी करेगा हर मनोकामना
मौनी अमावस्या के पर्व पर रोपा जाएगा जिला अधिकारी के द्वारा देव लोक का कल्पवृक्ष
समुद्र मंथन से 14 रत्नों में एक कल्पवृक्ष भी था
इस वृक्ष के नीचे तप करने से होती है सभी मनोकामनाएं पूर्ण, जो मांगो मिल जाएगा
माधोटांडा :आदि गंगा मां गोमती के उद्गम तीर्थ स्थल पर प्रतिदिन सौंदर्यकरण करके उद्गम तीर्थ स्थल को दर्शनीय एवं रमणीक बनाया जा रहा है। जहां उद्गम के तट पर स्थापित मंदिर, मठ, पार्क और स्थलों को खूबसूरत बना दिया गया वहीं सैलानियों के लिए ठहरने के लिए गोमती लेक व्यू ट्री हट भी बनाया जा रहा है। उद्गम तीर्थ स्थल पर वेद और पुराणों में वर्णित कल्पवृक्ष का रोपण भी मोनी अमावस्या के पर्व पर करके एक और सौंदर् करण की श्रंखला स्थापित होने जा रही है।
पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन के 14 रत्न में से एक कल्पवृक्ष की भी उत्पत्ति हुई थी। समुद्र मंथन से प्राप्त यह वृक्ष देवराज इंद्र को दे दिया गया था और इंद्र ने इसकी स्थापना सुर कानन वन में कर दी थी। पद्म पुराण के अनुसार पारिजात ही कल्पतरू है। देखें महत्व-
रिपोर्ट-कुँवर निर्भय सिंह
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