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पीटीआर में गुपचुप घुसे सिंचाई विभाग के अधिकारी, वन कर्मियों ने पकड़ कर पुलिस को सौंपा, माफी मांगने पर मामला रफा-दफा

देर शाम तक थाने में मौजूद रहे सिंचाई व वन विभाग के कर्मचारी

पीलीभीत: देर शाम टाइगर रिजर्व में सिंचाई विभाग के अधिकारियों को पीलीभीत टाइगर रिजर्व में घुसना महंगा साबित हो गया। सूचना पर वन विभाग के अधिकारियों ने पुलिस बुला ली। बिना परमिशन से टाइगर रिजर्व की सीमा में घुसने पर पुलिस अधिकारियों को थाने मे लाई। अगले दिन दोनों पक्षों में समझौता के प्रयास चलते रहे। देर शाम सिंचाई विभाग के अफसरों द्वारा माफी मांगने पर वन विभाग की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई। मामला दिनभर चर्चा का विषय बना रहा।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व बनने के बाद जंगल में बिना अनुमति प्रवेश तक की पाबंदी लगा दी गई थी। टाइगर रिजर्व की सीमा में आम आदमी के जाने पर उस पर वन विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई कर जुर्माना भी वसूला जाता है। वही बात असरदार लोगों की हो तो वन विभाग भी उनके आगे घुटने टेक देता है। ऐसा ही मामला देखने को मिला। शुक्रवार को बरेली से सिंचाई विभाग के बड़े बाबू बाइफरकेशन पहुंचे थे। देर शाम बड़े बाबू के दिमाग में जंगल की सैर सपाटा करने का मन हुआ तो सिंचाई विभाग की सरकारी गाड़ी पर ही आधा दर्जन लोग महोफ रेंज की ओर निकल पड़े। गेट खुला होने पर सिंचाई विभाग की गाड़ी जंगल के अंदर घुस गई। भनक लगने पर गेट कर्मी ने गेट बंद कर मामले की सूचना वन विभाग के उच्च अधिकारियों को दी। इस पर महोफ रेंज के डिप्टी रेंजर आरिफ जमाल ने मौके पर पहुंचकर जंगल में सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जंगल में घुसने पर माधोटांडा पुलिस को सूचना देकर पुलिस बुला ली। पुलिस वन कर्मियों की मदद से सिंचाई विभाग के लोगों को थाने ले आई। शनिवार दोनों पक्षों में समझौते के प्रयास चलते रहे। देर शाम सिंचाई विभाग अधिकारियों द्वारा माफी मांगने व दोबारा जंगल में न घुसने की लिखित सहमति जताने पर उन्हें छोड़ दिया गया। मामले की चर्चा दिन भर क्षेत्र में होती रही। यहां अगर साधारण आदमी गाड़ी लेकर जंगल में घुसता तो उस पर कड़ी कार्रवाई तय थी। कार्यवाहक थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार ने बताया सिंचाई विभाग के लोगों द्वारा लिखित माफीनामा लिखने पर वन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।

रिपोर्ट-शैलेन्द्र शर्मा व्यस्त

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