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देखते रह जाओगे पीटीआर जंगल के गेस्ट हाउस

मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस बना सबसे खास, यहां से ही मिलतीं हैं जंगल सफारी गाड़ियां, चूका की हटों की होती है बुकिंग
पीलीभीत टाइगर रिजर्व यानी पीटीआर अपनी खूबसूरती के लिए देश दुनियां में अपनी पहचान कायम किये हुए है। इस जंगल की सैर करने जहां देश भर से प्रकृति व पर्यावरण प्रेमी पर्यटक यहां पहुंचते हैं वहीं विदेशी सैलानी भी खिंचे चले आते हैं। जंगल के बीच अंग्रेजों के जमाने में बनाये गए गेस्ट हाउस भी पीटीआर की ख़ूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। इन अतिथि गृहों को आधुनिक सुख सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस पर्यटन के लिए सफारी गाड़ियों व हटों की बुकिंग के बाद सर्वाधिक चर्चा में है और पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में सफल हुआ है। मुस्तफ़ाबाद व जंगल के अन्य गेस्ट हाउस के बारे में बता रहे हैं समाचार दर्शन 24 के संपादक  सतीश मिश्र-
अगर आप पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सैर करने आ रहे हैं तो सबसे पहले आपको मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस ही आना होगा। यहां से ही आपको जंगल सफारी के लिए सफारी गाड़ी मिलेंगीं और यहां खुले बुकिंग केंद्र से ही आप चूका पिकनिक स्पॉट व रात्रि विश्राम के लिए हटों व गेस्ट हाउस की बुकिंग करा सकते हैं। मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस एक ऐसा अतिथि गृह है जो तीन तरफ से जंगल से सटा व एक तरफ सड़क से कुछ दूरी पर है। यानी जंगल के अंदर भी और बाहर भी। मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस अतिथियों को काफी पसंद आता है। जंगल या प्रशासन के बड़े अधिकारी इस गेस्ट हाउस में ही रुकना पसंद करते हैं। जंगल के अन्य गेस्ट हाउस जहां मोबाइल नेटवर्क से दूर हैं वहीं इस गेस्ट हाउस में नेटवर्क भी पर्याप्त मिलता है और सुरक्षा के भी बेहतर इंतजामात हैं। यहां चूका पिकनिक स्पॉट व सफारी गाड़ियों का बुकिंग केंद्र खोला गया है। पर्यटक यहां अपनी खुद की गाड़ी छोड़कर जंगल की सैर करने के लिए सफारी गाड़ी पकड़ सकते हैं। इसके लिए पार्किंग व कैंटीन आदि की सुविधा भी उपलब्ध है। जंगल के अधिकारी भी यहां निवास करते हैं। गेस्ट हाउस जंगल किनारे होने के कारण यहां काफ़ी अच्छा लगता है। रात को काफी संख्या में हिरण, चीतल, पाड़ा, बारहसिंघा आदि वन्यजीव गेस्ट हाउस के आसपास ही घूमते नजर आ जाते हैं। यानी आपको जंगल जाकर वन्य जीवों के दर्शन करने की जरूरत नहीं है। गेस्ट हाउस में रुक कर ही आप वन्यजीवों के दीदार कर सकते हैं। रात को वन्य जीवों व पशु पक्षियों की आवाजें भी अनूठा वातावरण प्रस्तुत क़रतीं हैं। आधुनिक सुख सुविधाओं से सुसज्जित इस गेस्ट हाउस में एयर कंडीशनर भी लगाया गया है। अधिकांश वीवीआइपी इसी गेस्ट हाउस में रुकते हैं। इसकी बुकिंग आम जनता के लिए भी खुली हुई है। मुस्तफाबाद पहुंचकर उपलब्धता के हिसाब से गेस्ट हाउस की बुकिंग करा कर यहां सुरक्षित निवास कर सकते हैं और यहां से जंगल की सैर आसानी से की जा सकती है।
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प्रकृति प्रेमी अंग्रेजों ने बनाये थे जंगल के गेस्ट हाउस
अंग्रेजों को आज हम कितनी भी गालियां दे लें परंतु यह बात भी सच है कि उनके द्वारा किए गए कार्य आज भी यादगार बने हुए हैं। जंगल के गेस्ट हाउसों की बात करें तो उनका निर्माण भी अंग्रेजी हुकूमत में ही किया गया था। अंग्रेज शुरू से ही प्रकृति प्रेमी थे। उन्हें जल जंगल से काफी अधिक प्रेम था। इसी कारण वे जंगल के बीच सुरक्षित स्थानों पर गेस्ट हाउस बनाकर रहना अधिक पसंद करते थे। मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस भी अंग्रेजों ने ही बनाया था। इसके अलावा बराही गेस्ट हाउस, नवदिया गेस्ट हाउस, महोफ गेस्ट हाउस, माला गेस्ट हाउस व जंगल के अन्य सभी गेस्ट हाउस भी अंग्रेजों द्वारा ही बनाए गए हैं। इन सभी गेस्ट हाउस में बाइफरकेशन गेस्ट हाउस काफी अच्छा बना हुआ है। अंग्रेजों ने अपने समय की सारी सुख सुविधाएं इन गेस्ट हाउसों में उपलब्ध कराईं थीं। यह अलग बात है कि अब गेस्ट हाउसों को रंग रोगन करा कर एयर कंडीशनर व जनरेटर आदि आधुनिक सुख सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। यहां निवास करके लोग आज भी सुकून महसूस करते हैं और अंग्रेजों द्वारा प्रदत्त इन धरोहरों पर गर्व करते हैं।
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 कैसे पहुंचें मुस्तफाबाद
अगर आप शाहजहांपुर, लखीमपुर, सीतापुर या लखनऊ तरफ से आ रहे हैं तो एनएच 730 से पूरनपुर से मुड़कर माधोटांडा पहुंचकर खटीमा रोड पर 8-10 किमी चलकर आप मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस पहुँच सकते हैं। नेपाल या उत्तराखंड से आने पर खटीमा से पूरनपुर रोड पर आना होगा, जंगल निकलते ही यह गेस्ट हाउस दिखने लगेगा। मुख्य मार्ग पर स्वागत द्वार बनाया गया है व पुलिस और वन विभाग का चेक पोस्ट भी है। पीलीभीत से सफारी गाड़ी से आने पर आप जंगल के बीच से महोफ रेंज मुख्यालय होकर सीधे यहां पहुंच सकते हैं। अगर अपनी गाड़ी से आते हैं तो माधोटांडा रोड पर हरदोई ब्रांच नहर तक आकर नहर रोड का एक पुल उत्तर दिशा का क्रॉस करके खटीमा रोड पकड़ कर मुस्तफाबाद पहुंच सकते हैं। एनएच 730 यानी पीलीभीत पूरनपुर हाइवे पर हरदोई ब्रांच नहर की पटरी के रास्ते भी खटीमा रोड पकड़ा जा सकता है।
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हेलीकाप्टर से आये थे प्रदेश के मुख्य सचिव 
मुस्तफ़ाबाद गेस्ट हाउस तब काफी अधिक पॉपुलर हुआ था जब 4-5 सजेल पहले प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन हेलीकॉप्टर से मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस पहुंचे थे।  उनका हेलीकॉप्टर गेस्ट हाउस के पास उतरा था और यहां से वे गेस्ट हाउस पहुंचकर यहां रुके थे तथा जंगल की सैर की थी। इस पर मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस को प्रदेश भर के लोग जान गए थे। उनके अलावा भी कई बड़े अधिकारी व वीवीआईपी जनप्रतिनिधि भी यहां आते रहते हैं। सुकून के पल बिताने के लिए मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस प्रकृति प्रेमियों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है।
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 आसपास में क्या-क्या है खास
मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस से करीब 5-6 किलोमीटर की दूरी पर चूका पिकनिक स्पॉट है। लालपुर की दूरी सिर्फ 2 किलोमीटर है। चार-पांच किलोमीटर की दूरी पर बाइफरकेशन गेस्ट हाउस है। 4 किलोमीटर की दूरी पर महोफ वन विश्राम गृह व रेंज मुख्यालय है। माधोटांडा स्थित गोमती उद्गम स्थल करीब 10 किलोमीटर दूरी पर है। यहां रहने के लिए मां गोमती गेस्ट हाउस सस्ते दर पर उपलब्ध है। शारदा सागर जलाशय 13 से 14 किलोमीटर की दूरी पर व सेल्हा बाबा की मजार 15 किलोमीटर की दूरी पर है। साइफन करीब 8 और 11 किलोमीटर की दूरी पर सप्त सरोवर स्थित है। बराही वन विश्राम गृह की दूरी लगभग 15 किलोमीटर होगी। इसके आसपास ही बराही देवी का सुप्रसिद्ध मंदिर जंगल के पास स्थित है। कई अन्य पिकनिक स्पॉट व धार्मिक स्थल भी आसपास ही हैं। सफारी रूट में इन पिकनिक स्पॉट की सैर पर्यटकों को उपलब्ध हो जाती है।
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 होम स्टे और ठेठ देहाती भोजन का मिलेगा आनंद
मुस्तफ़ाबाद गेस्ट हाउस के आसपास  वन विभाग द्वारा अधिकृत  होम स्टे भी संचालित हैं। यहां सस्ते दर पर रहने की सुविधा जहां लोगों को मिलती है वहीं घर का बना ठेठ देहाती भोजन भी उपलब्ध हो जाता है। इसमें चोखा बाटी प्रमुख है। पंजाबी रहन-सहन व भोजन का आनंद भी आप यहां उठा सकते हैं। जिसमें सुबह के नाश्ते में पराठा और देसी लस्सी आपको काफी पसंद आएगी। मुस्तफाबाद के पास में ही एक होम स्टे है। जबकि बराही गेस्ट हाउस के पास अर्थ होम नाम के होम स्टे की संचालिका दिव्या शाह को गत वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पुरस्कृत भी किया गया था। यहां बांस व मिट्टी की दीवारों से बनी हटें आपको काफी पसंद आएंगी। गोमती उद्गम स्थल पर ट्री हट बनाई गई है। यहां भी जलपान व भोजन की व्यवस्था है। माधोटांडा व आस-पास में भी कई होमस्टे संचालित हैं। जहां आप कम खर्च में रहकर भरपूर आनंद ले सकते हैं। आस-पास में ही टाइगर इन, शंकर पैराडाइज रिसोर्ट, जसबंत ढावा सहित कई निजी होटल, ढाबे व रेस्टोरेंट भी संचालित हैं जहां खाने पीने व रहने की सुविधा पर्यटकों को कम दामों पर मिल जाती है। सुप्रसिद्ध रॉयल किंग्डम रिसोर्ट भी मुस्तफाबाद से 7-8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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फोटो परिचय मेल में अटेच क्रम ऊपर से नीचे
1 व 2 मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस
3-शारदा मुख्य नहर का लाल पुल
4-टाइगर रिजर्व का स्वागत द्वार
5-माला वन रेंज का प्रवेश द्वार
6-पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बनाये गये कृत्रिम बाघ 
7-नवदिया गेस्ट हाउस का बोर्ड
8-बाइफरकेशन गेस्ट हाउस

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