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केमिस्ट्री मानव सभ्यता के लिए वरदान और अभिशाप दोनों: वीसी

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग- एफओई के रसायन विज्ञान विभाग की ओर से हरित प्रौद्योगिकी-रिसर्च ट्रेंडस इन ग्रीन एसपेक्ट्स ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी-आरटीजीएएसटी 3.0 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस

ख़ास बातें
पर्यावरण में हानिकारक तत्वों का पता लगाना सर्वोच्च प्राथमिकता: डॉ. आरके शर्मा
देश के सबसे प्रदूषित पांच शहरों में मुरादाबाद भी शुमार: डॉ. अनामिका त्रिपाठी
कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर प्रो. आरके द्विवेदी ने ग्रीन केमिस्ट्री के 12 सिद्धांतों पर डाला प्रकाश
कॉन्फ्रेंस के दूसरे सत्र में रिसर्चर्स की ओर से तीस रिसर्च पेपर किए गए प्रस्तुत
इस मौके पर कॉन्फेंस सोविनियर का सभी अतिथियों ने किया विमोचन

 

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने सस्टेनेबल डवलपमेंट पर बोलते हुए कहा, केमिस्ट्री मानव सभ्यता के लिए वरदान और अभिशाप दोनों है। रसायन विज्ञान ने मानव जीवन को सरल तो बनाया है, लेकिन इसके कुछ हानिकारक प्रभाव भी देखे जा रहे हैं। विभिन्न प्रकार की दवाइयों का निमार्ण सिद्ध करता है कि केमिस्ट्री किसी वरदान से कम नहीं है, जबकि युद्ध में प्रयोग होने वाले रासानिक हथियार कितने घातक है। कुछ रसायनों से आज पर्यावरण बेहद दूषित हो गया है, जिसके भयावह परिणाम समय-समय पर प्राकृतिक आपदाओं के रूप में हमारे सामने आते हैं। इसीलिए सस्टेनेबल लीविंग वक्त की दरकार है। उन्होंने वेस्ट मीनिमाइजेशन के फोर-आरस यानी रिडयूस, रियूज, रिपर्पज़ एंड रिसाइकल के पर्यावरण संरक्षण एवम् संवर्धन की महत्ता पर बल दिया। प्रो. सिंह तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग- एफओई के रसायन विज्ञान विभाग की ओर से हरित प्रौद्योगिकी-रिसर्च ट्रेंडस इन ग्रीन एसपेक्ट्स ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी-आरटीजीएएसटी 3.0 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस में बतौर विशिष्ट अतिथि बोल रहे थे। इससे पहले रिसर्च टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेट्री- आटीसीएल, एमएचएससी मुरादाबाद के जनरल मैनेजर डॉ. आरके शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि, हिन्दू कॉलेज के बॉटनी विभाग की एचओडी डॉ. अनामिका त्रिपाठी ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर, टीएमयू के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने बतौर विशिष्ट अतिथि, ज्वाइंट रजिस्ट्रार, रिसर्च डॉ. ज्योति पुरी, एफओई एंड सीसीएसआईटी के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी, वाइस प्रिंसिपल डॉ. पंकज गोस्वामी, कॉन्फ्रेंस के कन्वीनर डॉ. गन्धर्व आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके नेशनल कॉन्फ्रेंस का शुभारम्भ किया। सभी अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया गया, जबकि अंत में स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। कॉन्फ्रेंस के दूसरे सत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के रिसर्चर्स की ओर से तीस रिसर्च पेपर भी प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर कॉन्फेंस सोविनियर का विमोचन भी किया गया। संचालन मिस इंदु त्रिपाठी ने किया।

आरटीजीएएसटी 3.0 में रिसर्च टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेट्री- आटीसीएल, एमएचएससी मुरादाबाद के जनरल मैनेजर डॉ. आरके शर्मा बतौर मुख्य अतिथि बोले, पर्यावरण प्रदूषण की वजह से पेय जल और मिट्टी में कैडमियम, मरकरी, आर्सेनिक, लेड, पॉलीक्लोरिनेटेड एंड पॉलीब्रोमिनेटेड डाई फिनाइल्स सरीखे खतरनाक तत्वों की मौजूदगी के बुरे प्रभाव से न तो मानव अछूता है और न वनस्पति। डॉ. शर्मा बोले, इन हानिकारक तत्वों से श्वतंत्र तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसीलिए पर्यावरण में कार्बनिक और अकार्बनिक तत्वों एवम् पदार्थों का पता लगाना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने निर्यातकों से लेकर आम आदमी तक पर्यावरण प्रदूषण से बचाव के लिए सरकार की ओर से गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करने का सुझाव दिया। अंत में उन्होंने अपनी आटीसीएल लेबोरेट्री में मौजूद सोफिस्टीकेटेड इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्निक के जरिए पर्यावरण में हानिकारक तत्वों की मौजूदगी का पता लगाने की प्रक्रिया का भी उल्लेख किया।

हिन्दू कॉलेज के बॉटनी विभाग की एचओडी डॉ. अनामिका त्रिपाठी ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर ई-वेस्ट को दो कैटेगरी इलेक्ट्रिक वेस्ट और इलेक्ट्रोनिक वेस्ट में बांटते हुए कहा, मुरादाबाद शहर ई-वेस्ट रिसाइकिलिंग का हब बन गया है। नतीजतन, देश के सबसे प्रदूषित पांच शहरों में मुरादाबाद भी शुमार है।

 

इसका बड़ा कारण है, अनट्रेंड मैनपॉवर का ई-वेस्ट को अवैध तरीके से रिसाइकिलिंग करना है। अवैध तरीके से रिसाइकिलिंग करने का मुख्य कारण मूल्यवान धातुओं जैसे-गोल्ड, प्लेटिनम और कॉपर की ई-वेस्ट में उपलब्धता है। इसी लालच के चलते ये लोग अपने और शहर के लोगों के स्वास्थ्य के संग-संग शहर के पर्यावरण को भी प्रदूषित कर रहे हैं। ऐसे में हवा और पानी की गुणवत्ता खराब हो रही है। आरटीजीएएसटी 3.0 में कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर एवम् एफओई के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी स्वागत भाषण में बोले, यह कॉन्फेंस पर्यावरण प्रदूषण को कम करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। प्रो. द्विवेदी ने ग्रीन केमिस्ट्री के 12 सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने केमिस्ट्री विभाग को लगातार तीसरी बार नेशनल कॉन्फेंस के आयोजन के लिए साधुवाद दिया। कॉन्फ्रेंस में आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. वरूण कुमार सिंह, प्रॉक्टर  राहुल विश्नोई, प्रो. आरके जैन, प्रो. एसपी पाण्डेय, डॉ. अजय उपाध्याय, डॉ. नवनीत कुमार के संग-संग केमिस्ट्री विभाग समेत इंजीनियरिंग कॉलेज के करीब 200 छात्र-छात्राएं मौजूद रहेंगे।

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