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हैदराबाद व गोला पुलिस की मिलीभगत से हो रहा बालू का अबैध खनन

(गोलागोकर्णनाथ से पंकज शुक्ला की रिपोर्ट)

हैदराबाद व गोला पुलिस की मिलीभगत से हो रहा बालू का अबैध खनन

– रात के अंधेरे मे होता है लाल बालू का काला करोबार

गोलागोकर्णनाथ खीरी । पूरे भारतवर्ष में आए दिन भूकंप आना, ज्वालामुखी का फटना व दैवीय आपदा के चलते नदियों का रूख मुड़कर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसका प्रमुख कारण अवैध खनन है, जिस पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। पिछले कई सालों में दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, गुजरात, कश्मीर व राजस्थान जैसे प्रदेशों में बाढ़ की भयावह स्थिति को देखा गया है, जिसके चलते भारत सरकार ने पूर्ण रूप से अवैध बालू खनन व बालू के ठेके तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए थे। बावजूद इसके खीरी जिले की कोतवाली गोलागोकर्णनाथ, कोतवाली पलिया, कोतवाली निघासन, थाना भीरा, थाना मैलानी व थाना हैदराबाद क्षेत्र में सरकार के आदेशों का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। इन क्षेत्रों के कई गांव मिट्टी व बालू खनन के लिए विख्यात हैं। यहां रात के अंधेरे में कोटवारा, देवकली, कंधरापुर, मडिया, सेसमरई, शेरपुर, बांसगांव, कपरहा, मुगलाखेडा, अजान, उदयपुर व झाऊपुर सहित दर्जनों गांवों में धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। चंद पैसों की खातिर उक्त क्षेत्रों की पुलिस व प्रशासन द्वारा मिट्टी का खनन रात के अंधेरे में कराया जाता है। गोला से सटे हुए भट्ठों पर किसी भी समय सैकड़ों की मात्रा में जेसीबी द्वारा खनन करता हुआ आसानी से देखा जा सकता है, जिससे आम जनमानस पूर्णतया बेहाल है। बताते चलें कि कोटवारा से गोला रोड बालू खनन के लिए अतिसंवेदनशील होता जा रहा है। यहां पर कोटवारा से गोला रोड लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर पूरी सड़क पर बालू के बड़े-बड़े ढेर नजर आ रहे हैं। यदि कोई वाहन निकलता है तो पूरा क्षेत्र धुंध के गुबार में तब्दील होता दिखाई देता है, जिससे स्कूली छात्र-छात्राओं की स्कूली ड्रेसें गंदी हो जाती हैं और आए दिन सड़क पर घटनाएं भी हो रही हैं। अब तक तमाम लोग काल के गाल में समा चुके हैं। लगभग एक वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत इस सड़क का निर्माण हुआ था, जोकि गोला से कोटवारा, कपरहा व जड़ौरा मार्ग को जाती है। वह भी अवैध खनन की ट्रालियों से पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो गई है, जिस पर निकलना दूभर है। सड़कें बालू के बड़े-बड़े टीलों की वजह से रेगिस्तान नजर आती हैं।

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