पीलीभीत में पकड़ा गया दिव्यांगों की फर्जी यूनिक आईडी बनाने वाला गैंग, 2 हिरासत में तीसरा फरार
पीलीभीत। यूपी में सरकारी योजनाएं लोगो तक नही पहुँच रही है,जिसका फायदा लोग उठा रहे है। जनपद पीलीभीत में दिव्यांग ईस्वर दयाल की शिकायत पर जिला अधिकारी के आदेश पर सदर एसडीएम वंदना त्रिवेदी ने जिला दिव्यांग पुर्नवास केंद्र के बाहर से आरोपी विशाल को धर दबोचा।
मामला यह था कि ईश्वरदयाल जिला दिव्यांग पुर्नवास केंद्र पर विकलांग पत्र बनबाने गया था। जहाँ इनकी मुलाकात आरोपी विशाल से हुई। विशाल ने 2000 हजार रुपये में बाला जी डिजिटल कम्प्यूटर की दुकान से बिना विकलांग सर्टीफिकेट के यूनिक आईडी बना कर दे दी। आईडी लेकर ईस्वर दयाल विकलांग आफिस विकास भवन पहुँचा तो विभाग के कम्प्यूटर ने आईडी को नही लिया। तब विभाग के लोगो ने पूछताछ की तो पता लगा विशाल नाम के युवक ने फर्जी यूनिक आईडी बना कर दी है।
आईडी को जब कम्प्यूटर ने नही लिया ,तब फर्जीबाड़ा सामने आया। इसकी शिकायत जिला अधिकारी वैभव श्रीवास्तव से की गई। जिसके बाद आज एसडीएम सदर ईश्वरदयाल के साथ जिला पुर्नवास केंद्र पर गई, जहाँ आरोपी विशाल कुछ और लोगो को बेबकूफ बना रहा था। एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विशाल को पकड़ लिया। फिर जिस कम्प्यूटर से यह फर्जी आईडी बनाई गई उस दुकान पर अधिकारियी की टीम गई,जहाँ मौके पर बाला जी डिजिटल कम्प्यूटर की दुकान को सीज कर दिया। जिसमें फर्जी आईडी बनाने का काला धंधा चल रहा था।
छापे के दौरान संजीव को मौके से टीम ने उठा लिया। इस गैंग का मेन सरगना अमित अभी गायब है। दोनो आरोपियों से अफसर कोतवाली में कड़ी पूछताछ करते रहे। अब तक कितनी फर्जी यूनिक आई डी बनाई गईं है इस पर भी जांच चल रही है। सीज की गई दुकान में लगे कम्प्यूटरो से बड़ा मामला सामने आने की उम्मीद है। फिलहाल अब कोतवाली पुलिस और साइबर क्राइम की टीम भी छानबीन में जुट गई है।
जहा असली लोग को हक नही मिल रहा वहां लोगो को कैसे गुमराह कर फर्जीबाड़ा किया जा रहा है ल। उसकी एक बानगी आप ने पीलीभीत में देखी। किस तरह चंद रुपयों के खातिर दिव्यांग लोगो को बेबकूफ बनाया जा रहा है। सुनें डीएम की बात-
रिपोर्ट-सौरभ पांडे
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