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अचूकवाणी : ग्रहमंत्रालय रिटर्न “चिन्मयानंद” और “चिदंबरम” की ग्रहदशा खराब, जानिए क्यों बना जेल का योग

                                  संपादकीय

“चि” नामधारी नेताओं पर संकट, जेल की खा रहे हवा ग्रहदशा नहीं खुद ही बुलाये दुर्दिन

भारत सरकार के गृह मंत्रालय रिटर्न दो नेता आजकल देश भर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। इनमें पहले हैं पूर्व गृह एवं वित्त मंत्री भारत सरकार

पी चिदंबरम जो पहले से ही भगवान श्री कृष्ण जी की जन्मस्थली यानी जेल में कैद हैं। उन पर जो आरोप हैं वह आप सब बखूबी जानते हैं। अब जो गृह मंत्रालय रिटर्न दूसरे बड़के नेता हैं वे हैं शाहजहांपुर से ताल्लुक रखने वाले स्वामी चिन्मयानंद जो अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार में पूर्व गृह राज्यमंत्री रह चुके हैं। इन्हें अभी अभी आज ही दुष्कर्म के मामले में जेल जाना पड़ा है।

चिन्मयानंद का शनि बक्री और कम हुआ गुरु का तेज

यह दोनों नेता जेल क्यों गए? अगर यह बात किसी ज्योतिषी से पूछी जाए तो वह इन दोनों नेताओं की ग्रह दशा जरूर खराब बताएंगे। जैसे कि पंडित अनिल शास्त्री का मानना है कि शनि वक्री होने के बाद स्वामी चिन्मयानंद को जेल जाना पड़ा, उनकी बृहस्पति भी बलहीन हो गई थी। दोनों नेताओं के नाम “चि” से ही शुरू होते हैं और इनकी राशि मीन है। अजब संयोग है कि दोनों नेता भारत सरकार के गृह मंत्रालय में बतौर गृहमंत्री व गृहराज्य मंत्री के रूप में रह चुके हैं।

दोनों ने खुद लिखी अपनी किस्मत, आमंत्रण देकर बुलाये दुर्दिन

अगर सच्चाई देखी जाए तो जेल जाने के लिए इन दोनों नेताओं के ग्रह नहीं बल्कि यह खुद ही जिम्मेदार हैं। पी चिदंबरम ने जहां गृह एवं वित्त मंत्री रहते हुए अपने कुनबे की संपत्ति को जिस तरह से बढ़ाया वह कानूनन गलत था और स्वामी चिन्मयानंद ने वृद्धावस्था में जिस तरह से अपने ही एक कालेज की छात्रा से मालिश करवाई और उन पर शारीरिक शोषण व दुर्व्यवहार जैसे आरोप भी हैं। यह कृत्य सरासर गलत हैं। इसे गुरु शिष्य परंपरा का उल्लंघन तो माना ही जा रहा है संत समाज के लिए यह और भी गलत है। इतने ऊंचे पद पर रह चुका व्यक्ति यह सब करने से पहले क्या कभी यह नहीं सोचता कि उसे एक दिन श्रीकृष्ण जी की जन्मस्थली के दर्शन भी अवश्य हो जाएंगे। एसआईटी की मानें तो स्वामी जी ने इतना तो स्वीकार किया है कि उन्होंने छात्रा से मालिश करवाई थी और वीडियो व फोटो उनके ही हैं।

असल कहानी स्वामी से 5 करोड़ वसूलने की थी, अंदाज थी एकदम फिल्मी

इसमें एक अपराध और बढ़ गया कि स्वामी जी से रंगदारी मांगी गई। दरअसल फिल्में देखकर छात्रा व उसके दोस्त के मन में ख्याल आया होगा क्यों ना स्वामी जी को बकरा बनाया जाए। यह अलग बात है कि बकरा बनने के बजाय स्वामी जी जेल चले गए। छात्रा के दोस्त भी जेल में उनके साथी बने हुए हैं। हो सकता है कि छात्रा भी देर सबेर रंगदारी मांगने के मामले में जेल पहुंच जाए। कुल मिलाकर चिदंबरम और चिन्मयानंद की कथा आजकल हर कोई चटकारे लेकर पढ़ सुन व देख रहा है।

अनुयायियों को डर कही “आसाराम” जैसी न हो जाय हालत

आप सब को याद होगा एक थे कथावाचक “आसाराम” उन पर भी इसी शहर की एक लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। रिपोर्ट हुई, जेल गए। चार्ज बढ़ते गए। गवाहियां हुईं। न जमानत मिली और न रिहाई। यूं ही जेल में सड़ रहे हैं। बाबा के अनुयायियों को डर है कि कहीं इस मामले में भी वही सब न हो जाय। हमारे मित्र चौधरी धर्मेंद्र सिंह ने इस संयोग को याद दिलाते हुए बताया कि चिन्मयानंद और चिदंबरम की राशि एक ही है और दोनों वित्त मंत्रालय में बतौर मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में दोनों को एक साथ कारागार में होना अजब संयोग है। उनके अनुसार इस समय गृह मंत्रालय रिटर्न नेताओं के बुरे दिन चल रहे हैं। पूर्व में मंत्री रहे एक बड़े नेता भी संकट में हैं परंतु वे सुरक्षित अपने घर पर मौजूद हैं और उनकी तुलना इन नेताओं से कदापि नहीं की जा सकती।

इति श्री “चि” कथा।

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