पीलीभीत के जिला अस्पताल में आज और 22 दिसंबर को लगेगा हाइड्रोसिल कैंप
पीलीभीत। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत इस माह फाइलेरिया यानि हाथी पांव से ग्रसित व्यक्तियों की पहचान की जाएगी। इसके अलावा हाइड्रोसिल के मरीजों के आपरेशन के लिए जिला अस्पताल में 15 और 22 दिसंबर को कैंप लगेंगे।
बुधवार को होटल ग्रांड शारदा में आयोजित फाइलेरिया प्रबंधन और विकलांगता रोकथाम कार्यशाला में ये जानकारी सीएमओ डॉ आलोक कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया कार्यक्रम के तहत इस माह होने वाले एमएमडीपी राउंड और हाइड्रोसील कैंप की रूपरेखा तैयार की गई और कर्मचारियों को एमएमडीपी किट के इस्तेमाल और पैरों की एक्सरसाइज के बारे में समझाया गया। फाइलेरिया के दो लाभार्थियों को किट भी दी गई।
उन्होंने बताया कि अभी जिले में फाइलेरिया के 300 मरीज हैं। सभी को कवर करना है। मलेरिया के सभी कर्मचारी सीएचसी पर गुरुवार सुबह 8:00 बजे उपस्थित हो जाएंगे और जहां भी फाइलेरिया के मरीज हैं, उन्हें एंबुलेंस से लेकर आएंगे।
कार्यशाला में डब्ल्यूएचओ से डॉ. नित्यानंद ठाकुर ने बताया कि फाइलेरिया के किटाणु स्वस्थ व्यक्ति के अंदर भी होते हैं। संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फाईलेरिया (हाथी पांव) संक्रमण होता है। विकासखण्ड स्तर पर फाइलेरिया उन्मूलन करने के लिए सामुदायिक केंद्र स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार गतिविधियां एवं सभी सीएचओ को ट्रेनिंग दी जाएगी।
पाथ संस्था के डॉ नितिन गोपी ने बताया कि नाली और गंदे पानी में क्यूलेक्स मच्छर अधिक पनपते हैं। सभी को सिखाया गया कि किस तरीके से तीसरी स्टेज के फाइलेरिया मरीजों की देखभाल की जानी चाहिए। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिदत्त नेमी और सभी ब्लॉकों के बीसीपीएम, मलेरिया विभाग के सभी कर्मचारी मौजूद थे।
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