अचूकवाणी : धान खरीद के लिए यात्रा कब निकालोगे नेता जी, धान खरीद केंद्र पर क्यों नहीं बैठाते चौकीदार
पीलीभीत। इस समय शहरों से लेकर गांव तक विभिन्न यात्राएं निकल रही हैं। कहीं-कहीं चुनाव को लेकर भी दमखम दिखाया जा रहा है।
इन सब राजनैतिक कार्यक्रमों में बड़े नेताओं से लेकर गांव देहात के छुटभैया तक बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं परंतु जिस चीज को लेकर यात्रा निकालने की जरूरत इस समय महसूस की जा रही है उस पर लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों ने अघोषित चुप्पी साध रखी है।
धान खरीद यात्रा निकालने की जरूरत, लेकिन सभी दल चुप
सभी पार्टियों को मिलकर धान खरीद यात्रा निकालनी चाहिए। गांव गांव जाकर किसानों से पूछना चाहिए कि उनका धान बिक पा रहा है या किस तरह की अड़चन आ रही है। उनके पंजीकरण, कटौती व समर्थन मूल्य पर डकैती के बारे में भी पूछना चाहिए।
सभी सरकारी सेंटरों पर तैनात होने चाहिये चौकीदार
चुनाव के समय बहुत से छोटे बड़े नेता खुद को फेसबुक व अन्य सोशल साइट पर चौकीदार साबित करने की कोशिश में लगे थे। देश के प्रधानमंत्री से लेकर गांव के छोटे-मोटे नेता भी चौकीदार बन गए थे। अब इस समय प्रत्येक सरकारी धान खरीद केंद्र पर चौकीदार की जरूरत है तो यह नेता रूपी पहरेदार यानी चौकीदार गायब से हो गए हैं। इनका कहीं अता पता नहीं लग पा रहा है। अगर आपको कहीं कोई चौकीदार मिल जाए तो कृपया सरकारी धान खरीद केंद्रों पर पहरेदारी के लिए अवश्य भेज दें।
दोगुनी आमदनी के लिए पूरा समर्थन मूल्य जरूरी
अगर सत्ताधारी पार्टी वास्तव में किसानों की आमदनी दोगुुना करना चाहती है तो किसानों को पूरा समर्थन मूल्य दिलाने के लिए आगे आना होगा। अगर प्रत्येक सेंटर पर पांच कार्यकर्ताओं को चौकीदार के रूप में तैनात कर दिया जाए तो अधिकारियों व मिलों का गठजोड़ शायद किसानों की गाढ़ी कमाई पर आसानी से डाका नहीं डाल पाएगा।
सरकार और सत्ताधारी पार्टी व्यस्त, किसानों के लिए समय नहीं
सत्ताधारी पार्टी इस समय गांधी संकल्प पदयात्रा से लेकर संगठन के चुनाव में इतना व्यस्त है कि काश्तकार के लिए समय ही नहीं निकाल पा रही हैं। सरकार ने जिन अधिकारियों को चौकीदारी सौंपी है वे खुद 50-50 के फार्मूले पर काम करने लगे हैं और किसान लुरहा है।
विपक्ष भी तगड़े एक्शन के मूड में नहीं
किसानों की समस्याओं पर अगर सत्ताधारी पार्टी ध्यान नहीं दे रही है तो विपक्ष को आगे आना चाहिए परंतु विपक्ष भी एक दो बार ज्ञापन देकर चुप बैठ गया है। अगर विपक्ष मजबूती के साथ समर्थन मूल्य के लिए खड़ा हो जाए तो सत्ताधारी पार्टी व सरकार को एक्शन लेना ही होगा। केवल भारतीय किसान यूनियन व उससे जुड़े संगठन ही किसानों की समस्याओं के लिए आगे आ रहे हैं।
भाजपा जिला मंत्री गुरभाग सिंह बोले चुनाव कराने गैर जिले में हूँ, आकर देखता हूँ
इस बारे में हमने भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री गुरभाग सिंह से बात की तो उनका कहना था कि वे खुद जिले से बाहर हैं। उनकी ड्यूटी दूसरे जिले में चुनाव अधिकारी के रूप में लगा दी गई है। जब वापस आएंगे तो किसानों को समर्थन मूल्य दिलाने का प्रयास करेंगे। मुझे लगता है कि जब तक चुनाव संपन्न होंगे तब तक किसान लुट चुका होगा।
धान खरीद में घपला, घालमेल, डकैती का हो इलाज : मंजीत सिंह
धान खरीद में जम का घपला हो रहा है राइस मिलों पर धान खरीदकर सेंटर पेमेंट के थ्रू भेजने की बात कही जा रही है लिखित पर्ची भी दी जा रही हैं लेकिन प्रशासन कोई एक्शन नहीं ले पा रहा है राइस मिल रहा अधिकारियों और ठेकेदारों का गठजोड़ किसानों को बर्बाद बर्बाद करने पर तुला हुआ है इसका इलाज होना चाहिए।
सीधे-साधे एसडीएम को मेले में भरमाया : चैतन्य देव
पूरनपुर के एसडीएम काफी सीधे हैं। राइस मिलर उन्हें रामलीला मेला मैदान में भरमाए हुए हैं। वाउंड्री के लिए थोड़ा सा चंदा देकर किसानों से लूटा गया पूरा माल डकार जाएंगे। शासन प्रशासन को इस मामले में एक्शन लेकर कार्रवाई कर करनी चाहिए वरना किसान आंदोलन को विवश होंगे।
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सतीश मिश्र
संपादक समाचार दर्शन 24
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