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जानिए क्यों बीसलपुर के भाजपा विधायक रामसरन वर्मा ने दी इस्तीफे की धमकी

बिलसंडा में फौजी सहित 11 आरोपियों को जेल भेजने का मामला

विधायक का पुलिस पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप

बिलसंडा। उत्तर प्रदेश के जिला पीलीभीत की विधानसभा बीसलपुर के भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री रामसरन वर्मा ने पुलिस द्वारा भीकमपुर प्रकरण में फौजी सहित कई ग्रामीणों के खिलाफ निष्पक्ष जांच न कराकर एक तरफा कार्रवाई किए जाने से क्षुब्ध होकर इस्तीफे की धमकी दी है। विदित हो विगत 6 मई को थाना बिलसंडा क्षेत्र के गांव भीकमपुर में रात्रि के समय पुलिस और ग्रामीणों के बीच मारपीट की घटना हुई थी, जिसमें थाने के चार सिपाही व भारतीय सेना का एक जवान सहित कई गांव के लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने फौजी सुनील कुमार सहित 23 लोगों के खिलाफ नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर फौजी सहित 11 आरोपियों को जेल भेज दिया था, इस मामले में अगले दिन भाजपा विधायक रामसरन वर्मा गांव पहुंचे थे और ग्रामीणों से घटना की हकीकत जानी। विधायक ने पुलिस द्वारा महिला पुरुष ग्रामीणों से मारपीट किए जाने की घटना का संज्ञान लेते हुए पुलिस पर एक तरफा कार्रवाई कर झूठा मुकदमा दर्ज किए जाने का आरोप लगाया था और घायल ग्रामीणों का मेडिकल परीक्षण कराकर पुलिस अधिकारियों से निष्पक्ष जांच कराकर न्योचोचित कार्यवाही की मांग की थी। विधायक का आरोप है, इसके बावजूद भी पुलिस ने इस घटना में एकतरफा कार्रवाई कर दी और फौजी सहित ११ को जेल भेज दिया। पुलिस की एक तरफा कार्रवाई को लेकर सपा के पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा भी गांव पहुंचे और भाजपा विधायक को निशाना बनाते हुए उनको स्तीफा देने की बात कह डाली। भाजपा विधायक रामसरन वर्मा पुलिस प्रशासन द्वारा न सुने जाने और पुलिस की मनमानी को लेकर काफी आहत हो गये और विधायक ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह एवं जिले के प्रभारी मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को स्तीफे की धमकी से अवगत कराया है,विधायक ने कहा कि डीएम एसपी फोन नहीं उठाते और सुनते ही नहीं न्याय लोगो को नहीं मिल पा रहा है सभी मनमानी करने में लगे हैं।

इस भीकमपुर की घटना में न्यायचित कार्रवाई न होने पर वो अपने विधायक पद से क्यों न इस्तीफा दे दें। विधायक ने भीकमपुर की घटना को लेकर डीआईजी सहित कई बड़े अफसरों को भी अवगत करा दिया है। विधायक द्वारा इस्तीफे की धमकी दिए जाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

रिपोर्ट-मुकेश सक्सेना एडवोकेट 

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