
वनकर्मियों को बताया कैसे कलेक्ट करें सैम्पल, किस तरह चलाएं ट्रेंकुलाइज गन
पीलीभीत। पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में आज फील्ड स्टाफ का ट्रेंकुलाइजर गन का संचालन मृत वन्यजीवों का सेम्पल कलेक्शन तथा रेस्कयू आपरेशन के सम्बंध में दो दिवसीय कार्यशाला आरम्भ हो गई।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के मुस्तफाबाद वन विश्राम गृह में आज हुई कार्यशाला में लखनऊ प्राणी उद्यान के उपनिदेशक डॉ उत्कर्ष शुक्ल ने मृत वन्यजीवों के सेम्पल कलेक्शन के सम्बंध में बताया कि किस तरह सेम्पल लिया जाए और क्या सावधानी बरती जाए। उन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थिति में जब आपके पास न बर्फ हो और वन्य जीव के मृत शरीर को सुरक्षित रखने के लिए बहते हुए पानी मे सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके अलावा एक बैग भी आने लगे है। उन्होंने डीएनए के सेम्पल को भेजने के लिए तैयारी की जानकारी दी।
डॉ शुक्ल ने बताया की यह पूरी जांच करनी चाहिये कि किस प्रकार वन्यजीव की मौत हुई है। रेस्क्यू ऑपरेशन के सम्बंध में भीड़ प्रबन्ध की जानकारी देते बताया कि ऐसे मामले में जनसम्पर्क बढ़ाने पर जोर दिया कि सामंजस्य बनाया जाए। एक लोकेशन पर रेस्कयू में आसानी होती लेकिन जब मेन इंटर को पकड़ने में लम्बी अबधि लगती हैं। इसके लिए प्रबन्ध योजना बनाये जाने की जानकारी दी।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के उप निदेशक आदर्श कुमार ने बताया कि सही जांच तभी हो सकती हैं जब वहां सबसे पहले वनकर्मी पहुचे। उन्होंने कहा कि हर छोटे से छोटी चीज नजरी नक्शे में शामिल होना चाहिये। मृत वन्यजीवों के शरीर मिलने के सौ मीटर के क्षेत्र में कॉशन टेप लगाया जाए।
प्रशिक्षण में पहले चरण में डी पी सिंह ने एच टू केस तथा वन्यजीव अपराध के सम्बंध में जानकारी दी। प्रशिक्षण में उप प्रभागीय वनाधिकारी पूरनपुर प्रवीण खरे, शेवता सेन, दिलीप श्रीवास्तव, रेंजर वीके गुप्ता, गिर्राज सिंह, राजकुमार शर्मा, विश्व प्रकृति निधि के परियोजना अधिकारी नरेश कुमार, डॉ एस के राठौर आरिफ जमाल सहित 75 वनकर्मी मौजूद थे।
(साभार-अमिताभ अगिनहोत्री जी, वरिष्ठ पत्रकार)
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