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गौढी फूकने में वन संरक्षक ने मौके पर पहुँचकर दर्ज किए बयान, दिया कार्रवाई का भरोसा

हजारा (पीलीभीत) : गौढियों पर आगजनी और मृत पशुओं के मामले में मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड डायरेक्टर ने अफसरों के साथ मौका मुआयना किया है। अलग-अलग स्थानों पर गौढी संचालकों से वार्ता की। गौढियों से होने वाले नुकसान की जानकारी दी।
शनिवार को दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एवं मुख्य वन संरक्षक रमेश पांडेय, उपनिदेशक महावीर कौजंगी, बफर जोन के डीएफओ डॉ अनिल कुमार पटेल ने अधिनस्थो के साथ संपूर्णानगर वन रेंज की हजारा वीट के मुरैनियां, गांधीनगर, धनाराघाट, टाटरगंज आदि की गौढियों में आग लगाने और जलकर मरे पशुओं का मामले की जांच करने पहंचे। इस दौरान मुख्तियार,अमीन, अमजद, मनोहर ने बताया कि 14 जनवरी को एसडीओ डीबी सिंह टीम के साथ आ धमके। गौढियां हटाने की बात कहते हुए झालों में आग लगवाने लगे। इस पर एक दिन की मोहलत मांगते रहे। इसके बावजूद नहीं माने। टाटरगंज में लोगों ने बताया वनकर्मी गौढियां हटाने के लिए हैवान बन गए। झालो में बधे पशुओं को तक नहीं हटाया। इससे कई पशु झुलस गए और कइयों की जलकर मौत हो गई है। इतना ही नहीं करतार सिंह के खेत के किनारे लगी टटियों को भी जला कर नष्ट कर दिया। अब पशुओं का आशियाना उजड़ने से ठंड की चपेट में कई पशु बीमार हैं। इस मौके पर कार्यवाहक एसओ सुरेशपाल सिंह पुलिस टीम के साथ एवं नहरोसा ग्राम प्रधान समीउद्दीन, मोहम्मद हलीम, इकराम, विपिन मिश्रा आदि लोग मौके पर पहुंच गए।
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अफसरों के सामने उलझ गए एसडीओ
धनाराघाट पर टीम द्वारा कुछ लोगों के बयान लिए जा रहे थे। इस दौरान गौढी संचालक और ग्रामीण आगजनी में मुख्य रूप से एसडीओ पलिया डीबी सिंह को दोषी ठहरा कर विरोध कर रहे थे। तभी एसडीओ उलझ कर चिल्लाने लगे। इससे हड़कंप मच गया। मौजूद फील्ड डायरेक्टर रमेश पांडे, थाना इंचार्ज सुरेश पाल सिंह मामला शांत कराया।
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अफसरों ने बांस के पुल पर ली सेल्फी

मुरैनियां में गौढी पर जाने के लिए टीम को अपनी सरकारी गाड़ियां जंगल में खड़ी करनी पड़ी। शारदा की एक धार में बने बांस के पुल से गुजर कर पैदल जाना पड़ा। इस दौरान रास्ते में डीएफओ डॉ अनिल पटेल ने तेंदुआ के पद चिन्हों को देखे। कैमरे में कैद किया। बांस के पुल पर मोबाइल से सेल्फी ली और फोटो भी खिंचवाए।

रिपोर्ट-बबलू गुप्ता।

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