ट्रेनिंग : टाइगर को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में डाला, कई वनाधिकारियों का चूका निशाना

मुस्तफाबाद में टाइगर को ट्रेंकुलाइज कर पिंजड़े में डाला, एसडीओ सहित कई वन कर्मियों का निशाना चूका

पीलीभीत: पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के महोफ रेंज के मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस में चल रहे प्रशिक्षण के दूसरे दिन टाइगर को ट्रकुलाइज कर पिंजरे में बंद करने के बारे में बताया गया। उपनिदेशक व डिप्टी डायरेक्टर ने वन कर्मियों को बारीकी से समझाया। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के मुस्तफाबाद वन विश्राम गृह में चल रही कार्यशाला के दूसरे दिन सैंपल कलेक्ट करने के बाद टाइगर को कैसे ट्रकुलाइज कर पिंजड़े में डालें इसके बारे में बताया गया। लखनऊ प्राणी उद्यान के उपनिदेशक डॉ उत्कर्ष शुक्ल ने बताया

आबादी वाले क्षेत्र में बाघ होने के कारण हजारों की संख्या में लोग पहुंच जाते हैं। इसके अलावा अधिकारियों का प्रेशर भी रहता है। इस दौरान बाघ को ट्रकुलाइज करने के लिए बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। जरा सी लापरवाही महंगी साबित हो सकती है। प्रशिक्षण में एसडीओ श्वेता सेन, डिप्टी डायरेक्टर के साथ अन्य वन कर्मियों ने निशाना भी साधा। हालांकि एसडीओ लक्ष्य को नहीं भेद पाई। जंगल के अंदर बाघ की डमी पर ट्रैक्टर पर सवार होकर निशाना लगाने का भी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान कई वन

कर्मचारियों का निशाना ठीक नहीं बैठा। हालांकि महोफ रेंज के डिप्टी डायरेक्टर आरिफ जमाल ने बेहतर प्रदर्शन किया। सभी ने उनके लिए तालियां बजाई। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के उप निदेशक आदर्श कुमार ने बताया कि बाघ को

ट्रकुलाइज करने के दौरान मन को शांत रखने के बाद ही कार्य किया जा सकता है। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने सभी वन कर्मचारियों का टेस्ट भी लिया। प्रशिक्षण में उप प्रभागीय वनाधिकारी पूरनपुर प्रवीण खरे, शेवता सेन, दिलीप श्रीवास्तव, रेंजर वीके गुप्ता, गिरिराज सिंह, राजकुमार शर्मा सहित कई वन कर्मी मौजूद रहे।

रिपोर्ट-शैलेन्द्र शर्मा “व्यस्त”

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