मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी – एसीएमओ
मेगा शिविर में 70 रोगियों का नि:शुल्क इलाज किया गया
जनपद पीलीभीत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिसलपुर में बृहस्पतिवार को पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आज मानसिक स्वास्थ्य मेगा शिविर कैंप का आयोजन किया गया। शिविर में विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व लोगों को मानसिक रोग के लक्षणों और इससे बचाव के बारे में जानकारी दी गई। जिसका उद्घाटन प्रभार चिकित्साधिकारी डा. ठाकुर दास ने शुभारंभ किया।
शिविर में दूरदराज से पहुंचे मरीजो को चिकित्सकों ने परामर्श के साथ जांच शुरू किया, डॉक्टर मनीष द्वारा मरीजों को देखा गया साइकोथैरेपिस्ट डॉ पल्लवी सक्सेना द्वारा मरीजों की काउंसलिंग की गई जिसमें 70 लोग देखे गए इनमें से 30 लोगों में मानसिक रोग संबंधी लक्षण मिले। 15 मरीजों को आवश्यक परामर्श दिया गया व 10 लोगों को जिला अस्पताल व बरेली के लिए संदर्भित किया गया। शिविर में डॉ पराग डॉक्टर ललिता भी उपस्थित रहे।
मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी ने लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी | उन्होंने मानसिक रूप से अस्वस्थता को किसी अंधविश्वास से न जोड़कर समय रहते इलाज कराने की बात कही | इसके साथ ही कोरोना से बचाव के लिए ,और मास्क व दो गज़ की दूरी, साफ सफाई का विशेष ख्याल रखने और कोविड टीकाकरण के बारे में जागरुक भी किया य गया।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. ठाकुर दास ने कहा कि लोगों को मानसिक रोगों के प्रति अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है। आज हर घर में कोई ना कोई किसी ना किसी कारण तनाव में हैं। तनाव में रहने से समस्याएं बढ़ती हैं। समस्या बहुत साधारण स्तर से शुरू होकर बाद में जटिल मानसिक रोग/ पागलपन का रूप ले लेती है। ऐसी समस्याओं को प्राथमिक स्तर पर काउंसलिग या योग के माध्यम से आसानी से दूर किया जा सकता है। मानसिक रोगों से बचने के लिए हमें जीवन-शैली में सुधार लाने और नियमित रूप से योग को अपनाने की जरूरत है।
साइकोथैरेपिस्ट डॉक्टर पल्लवी सक्सेना ने बताया कि इसका शुरूआती लक्षण तनाव है, इसलिए तनाव को अनदेखा न करें। अवसाद का समय पर उपचार न किया जाए, तो कुछ केस में अनहोनी तक की स्थिति देखी जा सकती इसलिए अवसाद के लक्षणों को पहचानें, उसे । अनदेखा न करें | वह चाहे , घरेलू स्तर पर हों या सामाजिक स्तर पर, व कार्यक्षेत्र पर | अगर स्थिति रोकथाम से बाहर है, नींद न आना, बेचैनी, डर, शंका, शक, अवसाद, पागलपन आदि मानसिक अस्वस्थता है |ऐसे लोग जिला अस्पताल में सोमवार से शनिवार को ओपीडी में सम्पर्क कर सकते है
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