देहरादून से पहुंची टीम ने शुरू किया गोमती का सर्वे
जौनपुर तक 900 किलोमीटर होगा सर्वे
पीलीभीत। नमामि गंगे योजना के तहत यूपी में गंगा की सहायक नदियों गोमती और घाघरा का सर्वे पीलीभीत से शुरू कर दिया गया है। सर्वे के दौरान देहरादून के भारतीय वन्यजीव संस्थान की टीम लोगों को गोमती संरक्षण के प्रति जागरूक कर रही है। देहरादून से पहुंचे वन्यजीव विशेषज्ञ विपुल मौर्या ने बताया कि गोमती नदी का सर्वे उसके उद्गम पीलीभीत से शुरू किया गया है। सर्वे में जैव विविधता जैसे कछुआ, मगरमच्छ, घड़ियाल, मछलियां और प्रवासी पक्षियों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है।
इसमें महत्वपूर्ण पैरामीटर जैसे नदी की गहराई, पानी की गुणवत्ता और प्रदूषण स्तर को भी शामिल किया जाएगा। इस बीच उस इलाके के स्कूल और अलग-अलग कॉलोनियों में जाकर हमारी टीम वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूक भी करेगी। विपुल मौर्या ने बताया कि पहली बार गोमती नदी का सर्वे किया जा रहा है। यह सर्वे यूपी के 15 जिलों में होगा,जो करीब 15-20 दिन में पूरा होगा।
पीलीभीत से शुरू होकर जौनपुर तक 900 किलोमीटर किया जाएगा इसके बाद हमारी योजना घाघरा नदी के सर्वेक्षण की तैयार की है। इसमें घड़ियाल और डॉल्फिंस पर सर्वे किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब भी गोमती नदी में जैव
विविधता दिखाई दे रही है। अब भी एकजुट होकर जल और वन्यजीव का संरक्षण नहीं करेंगे तो भविष्य में हमें पर्यावरण के क्षेत्र में बहुत से नुकसान देखने को मिलेंगे। उन्होंने बताया किसकी प्रथम फेज में गंगोत्री से गंगासागर तक सर्वे किया गया है जबकि दूसरे चरण में गंगा की 16 सहायक नदियों का सर्वे शुरू किया गया है इसमें यूपी की गोमती और घाघरा नदी शामिल है। श्री मौर्या ने बताया की इन नदियों में पाए जाने वाले जल जीवों के खतरे पर भी स्टडी की जाएगी देहरादून की विष संस्थान टीम इन नदियों के जल की सैंपलिंग लेगी और अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट जल संसाधन मंत्रालय को सौपेंगी रिपोर्ट के बाद ही इन नदियों को पुनर्जीवित करने की कार्य योजना तैयार की जाएगी।
(साभार-तारिक कुरैशी)
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