♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

पीलीभीत में निकाय चुनाव का आरक्षण महज छलावा, एससी एसटी को नहीं मिली एक भी सीट

निकाय चुनाव में 7 में से 6 नगर पंचायत और 3 में से 2 नगर पालिकाएं अनारक्षित

पीलीभीत। जनपद में नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की जो सूचियां जारी की गई हैं उनमें आरक्षण एक तरह से छलावा नजर आ रहा है। अधिकांश सीटों को आनारक्षित कर दिया गया है। केवल पूरनपुर नगर पालिका की सीट महिला और कलीनगर नगर पंचायत अध्यक्ष पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। जनपद भर की शेष सभी नगर पालिका व नगर पंचायतों में अनारक्षित हैं। ऐसे में आरक्षण छलावा साबित हो रहा है।
पीलीभीत जिले में 3 नगर पालिका एवं 7 नगर पंचायत हैं। इन निकायों के अध्यक्ष पदों के निर्वाचन के लिए आरक्षण को लेकर काफी दिनों से शोर मचा हुआ था परंतु जब आरक्षण घोषित हुआ तो ढोल में पोल नजर आई। अधिकांश सीटें अनारक्षित घोषित कर दी गईं। सिर्फ पूरनपुर व कलीनगर में ही आरक्षण घोषित किया गया है। ऐसे में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों को कोई भी सीट आरक्षित ना होना लोग आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ बता रहे हैं। इसको लेकर जनमत संग्रह में लोगों ने अपनी राय भी व्यक्त की है। अधिकांश लोगों ने इस आरक्षण को अच्छा बताया है जबकि 35 फीसदी लोग इससे सहमत नहीं हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस से ताल्लुक नहीं रखते। रायशुमारी में बसपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एलपी सागर आरक्षण को जरुरी बताते हुए इसकी हिमायत करते हैं जबकि प्रेस क्लब अध्यक्ष केशव अग्रवाल का कहना है कि चुनाव में आरक्षण नहीं होना चाहिये। उनके अनुसार चुनाव में वोट देने का अधिकार सभी को है तो चुनाव लड़ने का अधिकार भी सबको मिलना चाहिए। सपा नेता व पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा का कहना है कि जातिगत गणना कराकर उसके हिसाब से आरक्षण दिया जाना चाहिए। एडवोकेट हेमंत मिश्रा, समाजसेवी संदीप खंडेलवाल, पत्रकार तारिक कुरैशी, सतीश मिश्र, मंजीत सिंह पैरी, अभिषेक, कौशलेंद्र भदौरिया आदि का कहना है कि आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जाना चाहिए। पत्रकार असित शुक्ला का कहना था कि अगर सभी लोग अपने समाज के गरीबों का ध्यान रखें तो समानता खुद आ जाएगी और आरक्षण या सरनेम हटाने या लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। आरक्षण को लेकर लोग कई तरह के तर्क देते नजर आ रहे हैं। पत्रकार शिवम पोरवाल ने भी समाज के लोगों को दोषी ठहराया।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे


जवाब जरूर दे 

क्या भविष्य में ऑनलाइन वोटिंग बेहतर विकल्प हो?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000