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कुप्रबंधन : फिर नो केन में बंद हुई पूरनपुर की सहकारी मिल, बढ़ रहा घाटा

पूरनपुर। किसानों के खेतों में तो गन्ना खड़ा है परंतु चीनी मिल व गन्ना क्रय केंद्रों पर गन्ने का अभाव बना हुआ है। आखिर इसका क्या कारण है। माना जा रहा है कि मिल का कुप्रबंधन इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है।

दि किसान सहकारी चीनी मिल पूरनपुर गन्ने के अभाव (नोकेन) में सुबह 6 बजे से बन्द हो गयी। चीनी मिल पूरनपुर क्षेत्र का किसान एक-एक सप्लाई टिकट पाने को तरस रहा है। भाकियू जिलाध्यक्ष मंजीत सिंह ने

कहा कि पूरनपुर चीनी इस पेराई सत्र में काफी विलंब से चली थी। किसानों का पेड़ी गन्ना काफी लेट छिल पाया जिससे गन्ने के खेतों में गेंहू की बुवाई किसान नही कर पाये।किसानों को लाखों रुपयों का घाटा झेलना पड़ा। इसकी भरपाई कोई नही करा पायेगा। चीनी मिल लेट चलने का खमियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ा। श्री सिंह ने आरोप लगाया की चीनी मिल के C.C.O (मुख्य गन्ना अधिकारी) का नियंत्रण इंडेंट पर होता है लेकिन शुरू से आंखे मूंद कर इंडेट दिया जाता रहा है। कभी हाइवे पर एक-एक किलोमीटर लम्बा जाम व चीन मिल के गन्ना क्रय केन्द्रो पर कई-कई दिनों तक किसानों के वाहन नही खाली होते हैं। जिससे गन्ना पुराना होने से चीनी मिल की रिकवरी का स्तर पर भी बुरा प्रभाव पड़ा यानी कि चीनी मिल को लाखों रुपयों का नुकसान हुआ। उधर अर्ली व सामान्य गन्ने का हवाला देकर किसानों को चीनी मिल गेट पर प्रताड़ित किया जाता रहा है। लगातार किसानों ने उच्च अधिकारियों को शिकायत व धरना-प्रदर्शन किये लेकिन आज तक किसानो की नही सुनी गयी । आज फिर चीनी मिल नोकेन में बन्द है। बेवश लाचार किसानों की कोई सुनने वाला नही है। मनजीत सिंह ने प्रदेश के गन्ना एवं चीनी मिल राजमंत्री संजय सिंह गंगवार एवं जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

गन्ने का रेट न बढ़ाना किसानों के साथ नाइंसाफी : मंजीत

उत्तर प्रदेश में पेराई सत्र 2023-24 में गन्ना मूल्य घोषित किया गया। वर्तमान पेराई सत्र में गन्ने का मूल्य पूर्व के अनुसार ही रखते हुए गन्ना मूल्य में वृद्धि न करना दुखद है। केन्द्र सरकार ने इस सत्र में 10 रुपए की वृद्धि की है। पंजाब व हरियाणा सरकार ने भी इस पेराई सत्र में गन्ना मूल्य में वृध्दि की है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इस सत्र में गन्ना मूल्य में कोई वृद्धि नही की है। यह आदेश गन्ना किसानों के हितों पर कुठाराघात है। सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार कर गन्ने के मूल्य में वृध्दि कर 400 रुपए प्रति कुन्तल गन्ना मूल्य घोषित करे।
मंजीत सिंह जिलाध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक
जनपद पीलीभीत।

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