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बजट में ठेंगा दिखाए जाने से दिव्यांग नाराज, बताईं समस्याएं
—दिव्यांग जनों के साथ धोखा
—वजट में कुछ नहीं किया सरकार ने
—लगता दिव्यांग जनों को वोटर नहीं मानती केन्द्र सरकार
पीलीभीत : झूठे सब्जबाग दिखाकर बाहवाही लूटने वाली केन्द्र सरकार ने एक बार फिर दिव्यांग जनों के साथ भेदभाव किया है। देश में करोड़ों की संख्या में दिव्यांग मतदाता हैं, जो देश का भविष्य तय करते हैं। वजट पेश करते समय सरकार ने ऐसे लोगों को ठेंगा दिखा दिया। जबकि सबसे ज्यादा दिव्यांग जन सरकार की नीति रीति की चर्चा करते हैं। पीलीभीत के जगन्नाथ चक्रवर्ती ने कहा कि यदि समय रहते सरकार ने दिव्यांग जनों की समस्याओं का निदान नही किया तो यह दूसरा रास्ता चुन लेंगे। वैसे तो सरकार सबका विकास करने की बात करती है फिर वजट में इन विशेष जनों को अनदेखा कर दिया गया। राज्य पुरस्कार प्राप्त पत्रकार जगन्नाथ चक्रवर्ती ने कहा कि केंद्र सरकार को पुनः विचार कर वजट में हम दिव्यांग जनों को सुविधाएं देनी चाहिए, उन्होने कहा कि यह कुछ सामान्य मांगे हैं जो हमारी जरूरते हैं।
1–दिव्यांग जनों की यू. डी. आई. डी. को ही रेल रियायत प्रमाण पत्र मान लिया जाए,
2–भरण पोषण भत्ता पाँच सौ रू. मासिक से बढ़ा कर तीन हजार रुपए किया जाए,
3–लोन राशि दस हजार से बढ़ा कर एक लाख रुपए की जाए,
4–अबार्ड पा चुके निजी कार्य करने वाले दिव्यांग जनों को आवास उपलब्ध कराए,
5–अबार्ड पा चुके दिव्यांग जन की पेंशन राशि पाँच हजार रुपये मासिक की जाए,
6-हर दिव्यांग जन को योग्यता अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाए,
7–खेलों में दिव्यांग जन को प्रशिक्षित किया जाए,
8–प्राथमिक स्तर के विधालयों में भी विशेष अध्यापकों को नियुक्त करना,
9–हर विभाग में रैम्प की सुविधा,
10–परीक्षाओं में निम्न तल पर बैठने की व्यवस्था,
इसी सत्र में बिल लाकर दिव्यांग जनों की यह साधारण सी मांगों पर विचार कर लागू करने से हम विशेष लोग भी जीवन की मुख्यधारा में जुड़ सकते हैं,
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