टीएमयू में टीबी मुक्त भारत कैंपेन का सघन प्रशिक्षण

तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के श्वसन विभाग की ओर से दस दिनी प्रशिक्षण में करीब 700 से अधिक फैकल्टी, इंटर्न्स, रेजिडेंस, नर्सिंग स्टाफ ने की शिरकत


तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में राष्ट्रीय टीबी रोग उन्मूलन कार्यक्रम- एनटीईपी के तहत दस दिनी सघन प्रशिक्षण पांच चरणों में दिया गया। यह ट्रेनिंग फैकल्टी, इंटर्न्स, रेजिडेंस, नर्सिंग स्टाफ को दी गई। प्रशिक्षण के दौरान प्रारम्भिक लक्षण, ट्रीटमेंट, बचाव आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। दस दिनी इस प्रशिक्षण में करीब 700 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। विशेषज्ञों ने कहा, दो सप्ताह से खांसी-बुखार आना, खांसी में खून आना, भूख न लगना, वजन में निरंतर कमी होना टीबी के प्रारम्भिक लक्षण हैं। करीब एक दर्जन मेडिकल एक्सपर्ट्स ने कहा कि टीबी लाइलाज नहीं है। उपचार के जरिए यह रोग ठीक हो सकता है। तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के प्रिंसिपल डॉ. एनके सिंह अपने अनुभवों को साझा करते हुए बोले, यूं तो टीबी में बाल और नाखून के अलावा कुछ भी सुरक्षित नहीं रहता है। विश्व में टीबी रोगियों में 28 प्रतिशत रोगी भारतीय हैं। उन्होंने 1978 के मेडिकल स्टुडेंट्स लाइफ के अपने अनुभवों को भी साझा किया। प्रशिक्षण के समापन मौके पर मेडिकल कॉलेज के डीन एकेडमिक्स प्रो. एसके जैन, वाइस प्रिंसिपल प्रो. प्रीथपाल सिंह मटरेजा, एडिशनल मेडिकल सुप्रिटेंडेंट एवम् मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. वीके सिंह आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रही। एचओडी प्रो. मजहर मकसूद ने सभी अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया। संचालन रेजीडेंट डॉ. मनीषा रजक ने किया।

श्वसन विभाग के एचओडी प्रो. मजहर मकसूद ने दवा से संवेदनशील और प्रतिरोधी टीबी के उपचार एवम् टीबी के क्षेत्र में हालिया हुई प्रगति पर चर्चा की। प्रशिक्षण सत्रों में श्वसन विभाग के डॉ. प्रदीप निराला, डॉ. रवि शंकर मिश्रा, सामुदायिक चिकित्सा विभाग के डॉ. रविन्द्र नाथ, हड्डी विभाग के डॉ. राजेश पारीक, माइक्रोबायोलॉजी के डॉ. सुधीर सिंह, रेडियोलॉजी के प्रो. राजुल रस्तोगी, बाल एवम् शिशु रोग विभाग के डॉ. पीएस चिदम्बरम, हदय रोग विभाग के डॉ. शलभ अग्रवाल, मेडिसिन विभाग के डॉ. अजय कुमार, सर्जरी विभाग के डॉ. सुरेन्द्र कुमार, स्त्री रोग विभाग की डॉ. आस्था लालवानी, नेत्र रोग विभाग के डॉ. प्रियसुमन रस्तोगी, त्वचा रोग विभाग के डॉ. मोहम्मद रफीक, कार्डियोथैरेसिक सर्जरी विभाग के डॉ. आयुष ने अपने-अपने विषय की बारीकियों पर प्रकाश डाला। उल्लेखनीय है, फैकल्टी, इंटर्न्स, रेजिडेंस, नर्सिंग स्टाफ ने दो-दो दिन प्रशिक्षण प्राप्त किया। ऑर्गेनाइजिंग कमेटी में डॉ. अंकिता गुप्ता, डॉ. देवांशु सिंह के अलावा डॉ. पीयूष जैन, डॉ. आशुतोष कुमार का विशेष सहयोग रहा।

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