जनता को नवागत जिलाधिकारी से है गोमती मइया के उद्धार की उम्मीद
पूरनपुर। जिलाधिकारी रहे डॉ अखिलेश कुमार मिश्रा ने गोमती उद्गम पर काफी विकास कार्य कराए थे। ट्रस्ट बनवाकर व जन सहयोग से इतने अधिक काम कराए कि गोमती भक्त उत्साहित हो गए थे। परंतु उनके तबादले के बाद जिलाधिकारी के रूप में पहुंचे वैभव श्रीवास्तव ने गोमती की तरफ रुख नहीं किया। इसके चलते यहां विकास कार्य अवरुद्ध हो गए। वहीं गोमती की उद्गम से अविरल धारा बहाने का सपना भी टूट गया। अब नवागत जिलाधिकारी पुलकित खरे के आने के बाद गोमती भक्तों में आशा जगी है कि नवागत जिलाधिकारी गोमती मैया के उद्धारक जरूर बनेंगे। लोगों ने मांग की है कि जिलाधिकारी को एक बार उद्गम स्थल पहुंचकर गोमती के उद्गम स्थल को देखना चाहिए और यहां विकास की गंगा बहाने का काम शुरू करना चाहिए। लिंक पर क्लिक करके सुनिए कवि व पत्रकार सतीश मिश्र रचित गोमती मइया की आरती-
गोमती उद्गम स्थल यूं तो वर्षों से उपेक्षित रहा है परंतु गोमती भक्तों में तब आशा की किरण जगी थी जब प्रदेश सरकार ने गोमती को अपनी नदी पुनरुद्धार योजना में शामिल किया था। उसके बाद सिंचाई मंत्री यहां पहुंचे थे। तुरंत बाद यहां का कार्यभार ग्रहण करके जिलाधिकारी डॉ अखिलेश कुमार मिश्रा ने उद्गम पर जन सहयोग से काफी काम कराए। श्रमदान करके गोमती नदी की खुदाई भी कराई थी। गोमती माता का नया मंदिर बनाया और यहां का सौंदर्यीकरण कराने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उनके समय में इतने अधिक कार्यक्रम गोमती उद्गम स्थल पर हुए कि सरकारी
योजनाओं संबंधी जागरूकता बैठकें भी गोमती उद्गम स्थल पर होने लगी थीं। खुद जिलाधिकारी व तत्कालीन सीडीओ वीके भागवत ने उद्गम पर भागवत कथा सुना कर भी लोगों को भक्ति रस में डुबो दिया था। लोग अखिलेश मिश्रा को गोमती पुत्र कहने लगे थे और तत्कालीन एसडीएम कलीनगर पुष्पा देवरार को गोमती माता की उपाधि लोगों ने तन मन धन से गोमती के कार्य करने के लिए दी थी। उनके जाने के बाद जिलाधिकारी के रूप में तैनात हुए वैभव श्रीवास्तव ने गोमती की सुधि बिल्कुल नहीं ली और अधिकारियों को भी गोमती का रुख नहीं करने दिया।
गोमती के लिए समर्पित एसडीएम चंद्रभानु सिंह को भी यहां से हटा दिया। अब जिला अधिकारी के रूप में पुलकित खरे ने कार्यभार ग्रहण किया है। हालांकि वे अभी तक उदगम नहीं पहुंचे हैं परंतु गोमती भक्तों को आशा है कि वे गोमती मैया का उद्धार जरूर करेंगे। हरदोई में जिस तरह उन्होंने ताल पोखरों का सौंदर्यीकरण किया है उसे देखकर लोगों का कहना है कि पुलकित खरे गोमती मैया के काम पर भी ध्यान देंगे। लोगों ने मांग की है कि जिलाधिकारी को एक बार उद्गम स्थल व गोमती के सभी घाटों का दौरा कर हालात देखने चाहिए और सरकारी व निजी प्रयासों से गोमती जो पीलीभीत की पहचान बनी हुई है उस पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। गोमती के विकास के लिए जो ट्रस्ट गठित किया गया है जिला अधिकारी पीलीभीत उसके पदेन संरक्षक भी हैं और कलीनगर के एसडीएम पर ट्रस्ट के अध्यक्ष का दायित्व है।
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