
माधोटांडा स्थित उदगम स्थल भी आइये योगी जी क्योंकि गोमती मइया ने बुलाया है
पीलीभीत। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद चौथी बार 30 दिसंबर को पीलीभीत आ रहे हैं लेकिन पिछले 3 दौरों की भांति इस बार भी उनके कार्यक्रम में गोमती उद्गम स्थल शामिल नहीं है। वे ड्रमंड कॉलेज में जन विश्वास रैली को संबोधित करते लखनऊ उड़ जाएंगे। इससे गोमती भक्तों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। गोमती भक्त कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोमती उद्गम स्थल माधोटांडा जरूर आना चाहिए क्योंकि उन्हें गोमती मैया ने बुलाया है।
गोमती नदी उनकी नदी पुनरुद्धार योजना में सबसे पहली नदी थी यहां उद्गम स्थल पर काफी काम भी हुए हैं। उद्गम स्थल तीर्थ का रूप ले चुका है, यह अलग बात है कि नदी उद्गम स्थल से अविरल रूप से नहीं बह पाई है। गोमती भक्तों का कहना है कि मुख्यमंत्री को एक बार गोमती उद्गम स्थल जरूर आना चाहिए और नदी के सभी घाटों के विकास को लेकर अधिकारियों को निर्देशित करना चाहिए।
गोमती के बारे में और अधिक जानिए इस लिंक-
त्रिवेणी घाट स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर के प्रबंधक लक्ष्मण प्रसाद वर्मा ने तो ट्यूट कर के मुख्यमंत्री को गोमती उद्गम स्थल आने का आमंत्रण भी दिया है।
@myogiadityanath @x8RZjK2ShjKacBH @Dmpilibhit @CMOfficeUP पूज्य महाराज श्री पीलीभीत आगमन पर आपसे गोमती भक्त अपील करते हैं कि आप गोमती उद्गम स्थल पर भी आएं। श्रीमान जी गोमती नदी कब-तक उपेक्षित रहेगी सभी घाटों का सौंदर्यीकरण हो ऐसी योजना बनें हर्बल पार्क बनें।
— LAXMAN P VERMA (@Laxmanverma94) December 27, 2021
उधर माधोटांडा के पूर्व प्रधान राममूर्ति सिंह, पत्रकार निर्भय सिंह, विमलेश सिंह, राजेश सिंह, विदुर राज सिंह आदि लोगों ने भी मुख्यमंत्री से उद्गम स्थल आने की मांग की है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री उद्गम स्थल आते हैं या मुख्यालय से ही वापस चले जाते हैं। गोमती भक्ति तर्क दे रहे हैं कि यदि मुख्यमंत्री जी चूका पिकनिक स्पॉट आ सकते हैं तो गोमती उद्गम स्थल क्यों नहीं आ सकते। सीएम को उद्गम बुलाने की मुहिम में अभी भाजपाई मौन नजर आ रहे हैं।
पूरनपुर विधायक दे चुके हैं उदगम आने का न्योता
कुछ माह पूर्व पूरनपुर के विधायक बाबूराम पासवान लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे और उन्हें उद्गम स्थल पर जन सहयोग व पर्यटन विभाग द्वारा कराए गए कार्यों के बारे में बता कर एक बार उद्गम स्थल आने का आमंत्रण दिया था। जिसपर सीएम ने उद्गम आने की हामी भी भरी थी। अब देखना यह है कि विधायक के आमंत्रण पर मुख्यमंत्री अमल करते हैं या फिर इस बार भी गोमती नदी का उनका दौरा टल जाता है। माना जा रहा है इसके बाद मुख्यमंत्री चुनाव में व्यस्त हो जाएंगे और उद्गम स्थल का दौरा फिलहाल नहीं हो पाएगा।
इस कारण अफसर सीएम को उद्गम बुलाने के पक्ष में नहीं
मुख्यमंत्री को गोमती उद्गम स्थल माधोटांडा लाने के पक्ष में शायद जिले के अफसर भी नहीं होंगे क्योंकि यहां आने पर कई तरह की ऐसी दिक्कतें हैं जो मुख्यमंत्री के संज्ञान में आ जाएंगी और झूठे दावों की पोल खुल जाएगी। जैसे कि गोमती नदी की धारा उद्गम से अविरल बहाने की समस्या सामने आएगी। अभी तक गोमती को पानी देकर या जलस्रोत शुरू करा कर बहाने की व्यवस्था अफ़सर नहीं कर पाए हैं। केवल उद्गम को सजाने संवारने का ही काम किया जा रहा है। जबकि सबसे बड़ी जरूरत उद्गम स्थल को पानी देकर यहां से अविरल धारा बहाने की है। दूसरी समस्याओं की बात करें तो गोमती के त्रिवेणी घाट, इकोत्तरनाथ घाट, भजही घाट, बंजार घाट पर कोई भी विकास कार्य नहीं किया गया है इससे भी अफसरों को दिक्कत आ सकती है। जिस माधोटांडा में गोमती का उद्गम स्थल माना गया है परंतु यहां के नवसृजित विकास खंड दफ्तर को भाजपा सरकार ने ही होल्ड कर रखा है जबकि इसकी स्थापना जाते जाते सपा सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर गए थे। अखिलेश के समय में ही स्वीकृत आश्रम पद्धति विद्यालय बनने के बाद इसमें कक्षाओं की 5 साल में शुरुआत तक नहीं हो पाई है। उद्गम पहुंचने के मार्ग भी संकरे व टूटे फूटे हैं। शायद इन सब कारणों से अफसर मुख्यमंत्री को उद्गम स्थल नहीं लाना चाहते।
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