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धनाराघाट रामनगरिया : बरसात भी नहीं डाल पाई साधु-संतों के कल्पवास में खलल

शारदा के धनाराघाट पर सर्दी से मोर्चा लेकर रह रहे 5 दर्जन से अधिक साधु संत

दो दिन से जारी बरसात व शीत लहर ने बढ़ाईं मुश्किलें, ईंधन भींगा और टपकने लगीं कुटियां

पूरनपुर। दो दिन से जारी बरसात ने जहां आम जनमानस को मुसीबत में डाल दिया है वहीं जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त होकर रह गया है। उधर शारदा नदी के धनाराघाट पर कल्पवास कर रहे साधु संत भी इस बरसात के चलते परेशान हैं। किसी की कुटिया टपकने लगी है तो कहीं तेज हवाएं उनको ठिठुरने को विवश कर रहीं हैं। ईंधन भीगने से भी समस्या खड़ी हुई है। बरसात जारी रहने पर बसंत पंचमी पर्व पर लगने वाला मेला भी फीका रहने की बात कही जा रही है। हालांकि बरसात से संतों की दिनचर्या में कोई खलल नहीं पड़ा है।


पूरनपुर खजुरिया रोड पर शारदा नदी पर पेंटून पुल बनाया गया है। इस पुल के पास ही साधु-संतों की रामनगरिया बसी हुई है। 7 जनवरी यानी माघ मास की शुरुआत से ही यहां वे कल्पवास कर रहे हैं। इस समय लगभग 5 दर्जन साधु-संत इस रामनगरिया में मौजूद हैं और घास फूस की कुटिया बनाकर कर रह रहे हैं। पिछले 2 दिनों से जारी बरसात से सात संतो के सामने समस्या खड़ी हो गई है। कई झोपड़ियाँ टपकने लगी हैं तो तेज हवाएं चलने से ठिठुरन बढ़ी है। साधु संतों ने जलाने के लिए जो ईंधन एकत्र किया था बरसात ने उसे भी गीला कर दिया है। ऐसे में उनका धूना (अलाव) भी बमुश्किल जल पा रहा है। हालांकि साधु संत इसे भगवान द्वारा ली जाने वाली एक परीक्षा ही मांगते हैं। वहां मौजूद संत बाबा राघव दास ने बताया कि साधु संतों की दिनचर्या में इस बरसात से कोई भी खलल नहीं पड़ा है। साधु संत पहले की तरह अपनी दिनचर्या ब्रह्म मुहूर्त में शारदा स्नान के साथ शुरू करते हैं। भोजन, भजन और ईश आराधना करते हैं। धूना जलाकर सभी खुद को गर्म रखने का प्रयास करते हैं। संतों ने जनरेटर आदि लगाकर प्रकाश की व्यवस्था अपने स्तर से की हुई है। लाउडस्पीकर पर गंगा मैया के भजन व जयकारे गूंजते रहते हैं। ढोलक, हारमोनियम, मंजीरा व चिमटा आदि वाद्य यंत्रों पर भजन-कीर्तन का दौर भी खूब चल रहा है। बाबा राघव दास तो अपनी झोपड़ी में ही रामायण सीरियल देख रहे हैं। उनके द्वारा यज्ञ का अनुष्ठान भी प्रस्तावित है। हालात संतों का मानना है कि बरसात जारी रही तो 26 जनवरी को बसंत पर्व पर लगने वाला मेला फीका हो सकता है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घट सकती है।

मेले में सरकारी सुविधाओं का अभाव

जिला प्रशासन द्वारा साधु संतों के लिए कोई भी व्यवस्था सरकारी स्तर पर नहीं की गई है। हालांकि डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार, पूरनपुर के एसडीएम आशुतोष गुप्ता, तहसीलदार ध्रुव नारायण यादव व नायब तहसीलदार के अलावा पूरनपुर विधायक बाबूराम पासवान व जिला पंचायत अध्यक्ष पति गुरभाग सिंह मेले में पहुंचकर जायजा ले चुके हैं परंतु सरकारी स्तर से सुविधाएं न होना संतों को अखर रहा है। सबसे बड़ी समस्या यहां शौचालय व पेयजल की व्यवस्था न होने की है जिसके चलते संतो को शारदा का जल पीना पड़ रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने इस मेले को जिला पंचायत द्वारा अनुमति व मान्यता देने की घोषणा की है।

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