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शाहजहाँपुर जिले में वॉटर वुमेन की मां गोमती पद यात्रा में शामिल हुये राज्यमंत्री औलख

वॉटर वुमेन की यात्रा प्रकृति के लिये मूल्यवान साबित होगी: बलदेव सिंह औलख

वॉटर वुमेन ने उद्गम स्थल पर 28 फरवरी को लिया था यात्रा पर जाने का संकल्प

1 मार्च को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने वॉटर वुमेन को भिक्षा देकर किया था रवाना

शाहजहाँपुर। पंच तत्व फाउंडेशन की संस्थापक वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक माँ गोमती की यात्रा कर रही हैं, उन्होंने आज सुनासीर घाट से प्रस्थान किया और मजरिया घाट होते हुये गदाई घाट पर पहुंच गईं, यहाँ प्रदेश के कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने वॉटर वुमेन का स्वागत किया एवं यात्रा में योगदान दिया।
उल्लेखनीय है कि वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक ने 28 फरवरी को पीलीभीत जिले में उद्गम स्थल पर पूजा-अर्चना कर माँ गोमती की पद यात्रा पर जाने का संकल्प लिया था। 1 मार्च को उद्गम स्थल पर केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल पहुंचे थे, उन्होंने आरती में भाग लिया था, साथ ही दंड को पवित्र जल में स्नान कराया था और दंड एवं भिक्षा देकर वॉटर वुमेन को पद यात्रा पर शुभकामनाओं के साथ रवाना किया था।

माँ गोमती के किनारे कंटीली झाड़ियों को पार करते हुए वॉटर वुमेन पीलीभीत जिले की सीमा को पार कर शाहजहाँपुर जिले की सीमा में प्रवेश कर गईं, जहाँ उनका ढोल-नगाड़ों और माँ गोमती के जयकारों के बीच भव्य स्वागत किया गया।

प्रसिद्ध सुनासीरनाथ घाट पर वॉटर वुमेन ने होली के चलते यात्रा को विश्राम दे दिया था। वॉटर वुमेन का कहना है कि यात्रा का मूल उद्देश्य माँ गोमती के प्रति लोगों को जागरूक करना है, इसलिये होली के कारण विश्राम दिया गया। अब यात्रा निर्वाध रूप से विलय स्थल तक चलेगी।


राज्यमंत्री ने यह कहा

कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने गुरुद्वारा में माथा टेका एवं मोठेनाथ बाबा के दर्शन-पूजन कर पद यात्रा में पैदल चलकर अपनी

 

सहभागिता दी, इस दौरान उन्होंने कहा कि शिप्रा पाठक के द्वारा की जाने वाली पैदल यात्रा का पता चलते ही मैंने यहाँ आने का निर्णय ले लिया, उन्होंने कहा कि नदियों के संरक्षण के लिये उठाया गया शिप्रा पाठक का यह कदम प्रकृति के लिये मूल्यवान साबित होगा, अतः सभी को इस यात्रा से जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा की सरकार के अलावा यदि समाज से जुड़े हुए लोग पर्यावरण के प्रति गंभीरता हो जायेंगे तो, परिणाम बहुत सुखद होंगे।

यह कर चुकी हैं वॉटर वुमेन


वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक माँ नर्मदा की 3000 किलोमीटर की अद्भुत आध्यात्मिक परिक्रमा कर चुकी हैं। माँ शिप्रा, माँ सरयू, कैलाश मानसरोवर और ब्रज चौरासी की यात्रा के साथ मेकल पर्वत की परिक्रमा कर चुकी हैं। वॉटर वुमेन ने माँ नर्मदा और माँ शिप्रा की यात्रा पर पुस्तक भी लिखी है, उनकी लिखी पुस्तक रेवा बेहद लोकप्रिय मानी जाती है। वे माँ गोमती की पद यात्रा पूर्ण होने के बाद भी पुस्तक लिखेंगी।

शिप्रा पाठक बदायूं जिले के कस्बा दातागंज की मूल निवासी हैं, उनकी दादी संतोष कुमारी पाठक कई दशक तक विधायक रही हैं,

उनके पिता डॉ. शैलेश पाठक भी विधान सभा का चुनाव लड़ चुके हैं एवं वरिष्ठ भाजपा नेता हैं। शिप्रा पाठक राजनीति और विजनेस को छोड़ कर पंच तत्वों की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुकी हैं। वॉटर वुमेन नदियों के घाटों पर सफाई अभियान चलाने के लिए जानी जाती हैं, जिससे उन्हें लाखों समर्थक वॉटर वुमेन मानते हैं, वे अब वॉटर वुमेन नाम से ही पहचानी जाती हैं।

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