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अक्टूबर में बोया था गन्ना, जनवरी में भी जारी नहीं हो रहीं पर्चियां, किसान परेशान

किसान परेशान, अधिकारी अनजान,अक्टूबर में बोया था गन्ना समिति के रिकार्ड में दर्ज है पौधा पर्चियां जारी ना होने पर हुआ खुलासा, उपज बढोत्तरी लागू करने में भी टालमटोल।

पीलीभीत : हर आदमी के मुंह में मिठास घोलने वाला किसान अपना मुंह मीठा करने को तरस रहा है। कोई अधिकारी सीधे मुंह बात करने को तैयार नहीं। क्यूंकि जितना गुड़ डालोगे ”चाय,,उतनी ही मीठी होगी। गन्ना सीजन शुरू होते ही किसान समिति के चक्कर काटने लगता है। ऐसा ही मामला शुक्रवार को सामने आया जब गांव चांदपुर निवासी विपिन बिहारी का परिबार संयुक्त होने के बावजूद लगभग चार एकड़ पेंडी व चार एकड़ पौधा अक्टूबर का बोया गन्ना है। 20 दिन से कोई पर्ची जारी नहीं हुई तो समिति पर पहुंच गए। सर्वे देखकर किसान के होश उड़ गए। पेड़ी को छोड़कर अक्टूबर में बोया गन्ना ही पौधा दर्शाया गया है। नियमानुसार पेड़ी की साठ प्रतिशत पर्चियां जारी होनी चाहिए। इसी प्रकार अक्टूबर के गन्ने की , लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसकी शिकायत पीड़ित ने एससीडीआई सुनील कुमार शुक्ला से की है। विपिन विहारी तो एक उदाहरण हैं। ऐसे सैकड़ो किसान हैं। उपज बढोत्तरी लागू न होना भी एक समस्या है।

 जिला गन्ना अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि अक्टूबर में बोए गन्ने की पर्चियां नियमानुसार पेड़ी की भांति चौथी फोरनाइट में मिलनी चाहिए। उनके अनुसार इसप्रकार से पर्चियां न मिलना गलत है। एक सप्ताह में उपज बढोत्तरी लागू करने की बात उन्होंने कही।

रिपोर्ट-शत्रुहन पाण्डे

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