
गंगोत्री की तरह विकसित किया जाएगा गोमती नदी का उद्गम : आशुतोष
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत पीलीभीत जनपद में गोमती नदी के सभी 16 घाटों पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया जाएगा। यह निर्णय माधोटांडा स्थित गोमती नदी के उद्गम तीर्थ पर बुधवार को आयोजित गोमती संवाद कार्यक्रम में लिया गया। गोमती नदी पुनरुद्धार एवं बाबा दुर्गा नाथ मठ सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष और कलीनगर के उपजिलाधिकारी आशुतोष गुप्ता ने कहा कि गोमती नदी के उद्गम स्थल को गंगोत्री और यमुनोत्री की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए कार्य योजना तैयार करने पर विचार विमर्श किया गया। वाटर वूमेन कहीं जाने वाली शिप्रा पाठक के अलावा ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि आशुतोष दीक्षित, प्रधान संघ जिलाध्यक्ष नरेश पाल सिंह, शब्द सत्ता के सम्पादक सुशील सीतापुरी, ट्रस्ट के राममूर्ति सिंह, पत्रकार निर्भय सिंह, तहसीलदार कलीनगर सहित कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
जानिए किसने क्या कहा गोमती संवाद कार्यक्रम में-
1. ब्लाक प्रमुख आशुतोष दीक्षित ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि आदि गंगा मां गोमती की कृपा से मैं ग्राम प्रधान बना। ग्राम प्रधानों का जिलाध्यक्ष और आज ब्लाक प्रमुख। उन्होंने बताया कि अब प्रति माह एक मासिक वैठक होगी जिससे गोमती नदी पर चर्चा होगी और कार्य भी। प्रत्येक वैठक में 16 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित होंगे।
2. पंचायती राज विभाग के जिलाध्यक्ष श्रीमान सत्यपाल शर्मा ने कहा कि मेरे द्वारा उद्गम स्थल पर जड़ी बूटियों का पार्क बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम हर सम्भव प्रयास करेंगे।
3. खण्ड विकास अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने कहा कि जहां गोमती नदी का उद्गम है वहां मैं अधिकारी हूं। यह मेरा सौभाग्य है। इससे पहले भी गोमती के लिए कार्य कर चुका हूं। ब्लाक द्वारा सभी आवश्यक सुविधाएं व कार्य कराएंगे जिनमें कोई देरी नहीं होगी।
4. रविन्द्र कुमार नन्द ने बताया कि तपन अधिकारी द्वारा 2014 में उद्गम स्थल पर भागवत कथा का आयोजन कराया गया जिसके माध्यम से गोमती नदी से जुड़ा। फिर की अभियान चलाए गए। लेकिन पुलकित खरे जी का कार्य अतुलनीय सराहनीय है। मेरे आग्रह पर श्रीमान पुलकित खरे जी ने पैदल चलकर गोमती नदी की खुदाई करवाई। गोमती नदी की जमीन को कब्जा मुक्त कराई जाए। नवदिया धनेश का घाट और श्मशान घाट एक ही है जो अनुचित है।
5. गोमती नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट घाटमपुर के मन्दिर श्रीठाकुरजी विराजमान के प्रबंध व गोमती पुत्र लक्ष्मन प्रसाद वर्मा ने कहा कि हम कई वर्षों से गोमती नदी के लिए कार्य कर रहे हैं। हमेशा प्रयासरत हैं। लेकिन आदरणीय पुलकित खरे जी का कार्य सबसे अच्छा था। उन्होंने बताया कि त्रिवेणी घाट पर गोमती नदी की बहुत जगह है जिस पर अतिक्रमण हो गया है जिसको चिन्हित कर कब्जा मुक्त हो। वहां पर हर्बल पार्क व पर्यटन स्थल बन सकता है।
6. दोदपुर खल्लपुर के ग्राम प्रधान नन्दराम ने बताया कि इस कार्य को करने के लिए आमजन को आगे आने चाहिए। इस अभियान से जन जन को जोड़ने की आवश्यकता है।
7. कलीनगर उपजिलाधिकारी व ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष गुप्ता ने कहा कि गोमती उद्गम स्थल को गंगा नदी के उद्गम गंगोत्री की तरह विकसित करेंगे। हमारी प्राथमिकता है गोमती नदी के प्रवाह क्षेत्र की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। जिसको करने के लिए मैं स्वयं निरीक्षण करूंगा। उन्होंने गोमती नदी से सम्बंधित अन्य सुझाए भी मांगे हैं जिस पर विचार किया जाएगा। एक माह के लक्ष्य, कार्य की समीक्षा की जाएगी। प्रत्येक माह योजना व समीक्षा बैठक होगी जिसमें मैं व खण्ड विकास अधिकारी पूरनपुर के द्वारा सम्पन्न होगी। अगली वैठक में गोमती नदी के प्रवाह की 16 घाटों की ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
8- पंच तत्व फाउंडेशन की संस्थापक व वाटर वूमेन ऑन इण्डिया के रूप मे प्रसिद्ध शिप्रा पाठक जी ने कहा कि मैं गोमती नदी का दर्द गूगल पर सर्च न करके पैदल चलकर वास्तविक रूप से समझा है। गोमती पदयात्रा करके गोमती नदी के लिए जनजागरण किया। पैदल चलकर मेरे पैर जो न कर सके वह आशुतोष गुप्ता की हाथ की कलम कर सकती है। उन्होंने कहा कि गोमती नदी के इस महाभारत में आशुतोष के रुप श्रीकृष्ण आए हैं जो इस को कर सकते हैं। उपजिलाधिकारी कलीनगर का उत्साह देखने से हम सबको उम्मीद है। मां गोमती नदी की जमीन मां को अर्पित हो। क्योंकि हम जबरदस्ती कोई कार्य किसी दूसरे के घर में नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि एक माह के कार्य की रुपरेखा निर्धारित करके क्रियान्वयन किया जानी चाहिए। कार्य प्रगति की समीक्षा की जाए। कई अन्य लोगों ने भी विचार रखते हुए कई प्रस्ताव रखे। पूरनपुर के विधायक, एसडीएम व तहसीलदार के न पहुंचने से गोमती भक्त निराश हुए।
शाम को माता गोमती की आरती हुई जिसमें काफी भक्त शामिल हुए। सभी ने जयकारे भी लगाए।
(जानकारी द्वारा-रविन्द्र कुमार नंद व चित्र द्वारा ब्रम्हपाल सिंह)