
नौनिहालों को घंटों रुलाती रही शिक्षिका की “प्रीति”, स्कूल में बह निकला आंसुओं का सैलाब
पूरनपुर। “देखि सुदामा की दीन दशा करुना करके करुनानिधि रोए। पानी परात को हाथ छुओ नहिं नैनन के जल सो पग धोए। सुदामा चरित्र में कविवर नरोत्तमदास की कल्पना जैसा ही हाल आज सीओ ऑफिस के पास के नई बस्ती स्कूल का था। स्कूल से विदा हुई प्रधानाध्यापिका प्रीति पांडेय हर किसी की आंख नम कर गईं। नरोत्तमदास जी जैसी कल्पना करें तो वे आंसुओं के सैलाब से समूचे स्कूल को सराबोर कर गईं।
हर आंखों में दिखी थी, प्रीती जी की प्रीति।
लगा लिया हो सहज ही, हृदय सभी का जीत।।
रोये थे बच्चे बहुत, चेहरे हुए खराब।
आंखों से आँसू बहे, आया ज्यूँ सैलाब।।
सतीश मिश्र “अचूक”
स्कूल से कार्यमुक्त होने का समय शिक्षिका प्रीति से चिपक कर बच्चे फूट-फूटकर रो पड़े। बच्चों ने उन्हें यहां से ना जाने को मिठाई खिलाई। यहां की रसोइया भी खूब रोई।
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साथी सहयोगी अध्यापको के अलावा ग्राम प्रधान रहनुमा बेगम की भी आँखे भर आईं। ऐसा मृदु व्यहार था प्रधनाध्यापिका प्रीति का।
एक शिक्षक की सच्ची बात यही है कि वह बच्चों को मेहनत और अनुशासन के साथ बच्चों का दिल जीत ले। यह प्रीति शिक्षिका 69 हजार भर्ती की हैं जिनको दो वर्ष पूर्व पूरनपुर ब्लाक के देहात क्षेत्र के नई बस्ती विद्यालय में नियुक्ति मिली थी। चार सौ से अधिक बच्चों पर प्रीति पांडेय अकेली शिक्षिका थी। उनकी नियुक्ति अब गृह जनपद बरेली में हुई है। (द्वारा-रोहित मिश्रा, सहायक अध्यापक)