जंगल की तार फेंसिंग के लिए शासन को पीटीआर की ओर से भेजा गया प्रस्ताव, 54 किमी में खर्च होगा 12 करोड़
*12 करोड़ की लागत से 54 किलोमीटर होगी तार फेंसिंग*
*मानव जीव संघर्ष रोकने के लिए उपयोगी साबित होगी तार फेंसिंग
*पीलीभीत गजरौला*।पीलीभीत के जंगल को 2014 में टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के साथ ही उस समय के मौजूदा अधिकारियों ने वन्य जीव की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाना शुरू कर दिए थे जिसकी शुरुआत 80 से ज्यादा शिकारियों को जेल भेज कर तत्कालीन डीएफओ कैलाश प्रकाश एसडीओ डीपी सिंह, माला रेंजर डीके सिंह, और रेंजर मोबिन आरिफ ने की थी। इसी के साथ संसाधन जुटाने के लिए शासन से पत्राचार भी शुरू कर दिया था धीरे धीरे पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पास अपने वाहन ट्रेंकुलाइज गन ड्रोन कैमरे लेजर कैमरे नाइट विजन दूरबीन टाइगर रेस्क्यूड किट जैसी सुविधाएं उपलब्ध होती रही लेकिन मानव वन्यजीव संघर्ष पर विराम लगाने में अब तक पीटीआर नाकाम साबित हो रहा था लेकिन जैसी ही बजट की टेंशन खत्म हुआ वैसे ही पीलीभीत टाइगर रिजर्व के कई हिस्सों में तार फेंसिंग कराई गई।
अब पीटीआर के आला अधिकारियों ने 54 किलोमीटर तार फेंसिंग के लिए प्रस्ताव बनाया है इसमें पहले जमीन से ढाई फीट ऊंची एक बाउंड्री बनाई जाएगी उस बाउंड्री पर लोहे के एंगल लगाकर उसमें क्लिप्स नुमा तार फेंसिंग की जाएगी जिससे वन्य जीवन अपने क्षेत्र में और मानव अपने क्षेत्र में सुरक्षित रहें पीलीभीत टाइगर रिजर्व की पांच वन रेंज से बाघ प्रभावित हलकों का निरीक्षण कराते हुए यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। जल्द ही शासन द्वारा अगर प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई तो लगभग 12 करोड़ की लागत से तार फेंसिंग का कार्य शुरू कराया जाएगा।
वन्यजीव की रक्षा हमारी और आपकी जिम्मेदारी:एफडी
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर डॉ एच राजा मोहन का कहना है कि वन्यजीव की जिम्मेदारी जितनी अधिकारियों की है उतनी ही जनपद में रहने वाले नागरिकों की क्योंकि पीलीभीत में विचरण कर रहे हैं वन्यजीव से आज पीलीभीत का नाम देश विदेश में है।
इनकी सुरक्षा के लिए हम सरकार से हर सुविधा और संसाधन समय पर लेते रहेंगे।फिलहाल वर्तमान समय तार फेंसिंग होना बहुत जरूरी है जिसके लिए सरकार को प्रोजेक्ट बनाकर भेज दिया गया है।
प्रोजेक्ट पास होते ही शुरू कराया जाएगा काम:डीडी
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल का कहना है कि पीलीभीत जनपद हरियाली और वन्यजीव से भरपूर है इसलिए आए दिन मानव वन्यजीव संघर्ष होता रहता है। इसी को नजर में रखते हुए शासन से लगभग 54 किलोमीटर तार फेंसिंग की अनुमति मांगी गई है जिसका बजट मिलते ही तत्काल तार फेंसिंग काम शुरू करा दिया जाएगा।
रिपोर्ट-महेन्द्रपाल शर्मा।
व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें