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कलीनगर में किसान से बोला लेखपाल-सरकार से 6 हजार लेना है तो देना पड़ेगा 1 हजार

किसान सम्मान योजना : लेखपाल बोला सरकार से 6000 लेना है तो पहले 1000 दो, एसडीएम से शिकायत

पीलीभीत: किसान सम्मान योजना में भी भ्रष्टाचार का घुन पनपने लगा है। पंजीकरण कराने गए किसान से प्रधान की मिलीभगत के चलते लेखपाल ने 1000 के सुविधा शुल्क की मांग की। रुपए ना देने पर योजना से वंचित करने की धमकी दी। पीड़ित ग्रामीण ने उप जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरोपी लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एसडीएम ने जांच के आदेश दिए है।
सरकार जनता को राहत देने को लेकर कई योजनाएं चला रही है लेकिन इन योजनाओं को धरातल पर उतरते ही निचले स्तर के अधिकारी अपनी जेब भरने में लग जाते हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री सन्मान योजना के अंतर्गत 2 हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों को 6000 रुपया प्रति वर्ष देने की योजना लागू हुई। इस योजना को लेकर लेखपाल गांव गांव जाकर पात्र लोगों के सर्वे कर रहे हैं। कई जगह तो काम काज ठीक चल रहा है। वहीं कई लेखपाल प्रधानमंत्री की इस योजना में अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं। कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव केशौपुर ताल्लुके आनंदपुर निवासी नीरज यादव ने कलीनगर उपजिलाधिकारी चंद्रभानु सिंह यादव को दिए शिकायती पत्र में बताया कि 9 फरवरी को वे अपने हल्के के लेखपाल के पास किसान सम्मान योजना का लाभ लेने को लेकर खतौनी, पासबुक व आधार कार्ड जमा करने गए थे। इस पर हल्का लेखपाल ने योजना का लाभ लेने की बात कहकर 1000 के सुविधा शुल्क की मांग कर दी। पीड़ित ने जब रुपए बैंक में जमा होने की बात कही तो लेखपाल ने प्रधानमंत्री सम्मान योजना का फ्री में लाभ ना मिलने की बात कहकर उसे टरकाने लगा। पीड़ित ने बताया कि उक्त लेखपाल प्रधान की मिलीभगत के चलते लोगों से जमकर उगाही कर रहा है। मामले को लेकर नीरज यादव ने एसडीएम को आरोपी लेखपाल के खिलाफ शिकायत पत्र दिया है। हाल ही में जमुनिया की एक महिला लेखपाल ने भी फार्म भरने के नाम से सैकड़ों ग्रामीणों से 100 जमा करा लिए थे। जिसकी वीडियो भी वायरल हुई थी।

तहसीलदार के सामने लेखपाल किसान से बोले उठा के तुझे बाहर फेंक देंगे

पीड़ित ग्रामीण जब तहसीलदार से शिकायत करने गया तो उनके चेंबर में अन्य लेखपाल मौजूद थे। साथी लेखपाल की शिकायत पर अन्य लेखपाल भड़क गए तथा किसान से बोले तुझे उठाकर बाहर फेंक देंगे। पूरे मामले में तहसीलदार तमाशबीन बने बैठे रहे। पीड़ित पूरे मामले को मुख्यमंत्री के सामने रखने की बात कह रहा है।

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