भूखे को रोटी वो भी निशुल्क, सराही जा रही स्कूल की पहल

तीमारदार और रोगियों को मिल रही है राहत
-बेनहर का समर्पण कार्यक्रम बना सेवा की नई मिसाल

पीलीभीत (अमिताभ अग्निहोत्री)। अपने लिये तो सभी करते है, लेकिन किसी दूसरे के लिए करों तो उसका आनंद ही कुछ और हैं। यूं तो आम तौर पर अंग्रेजी माध्यम के पब्लिक स्कूलों की छवि बहुत अच्छी नहीं है। वहीं कुछ पब्लिक स्कूल अपनी छवि से इतर भी कार्य करते है। ऐसा ही सेवा का एक प्रयास स्थानीय बेनहर पब्लिक स्कूल ने आरंभ किया है। इस सुप्रयास को नाम दिया हैं समर्पण। बेन-हर पब्लिक स्कूल की सामाजिक दायित्वों को पूर्ण करने का जज्बा भी है।सामाजिक दायित्वों के निर्वाह की श्रृंखला में एक कदम और उठाते हुये बेन-हर पब्लिक स्कूल प्रशासन ने न केवल अपने विद्यार्थियों के मन-मस्तिष्क में जनहित की भावना का विस्तार करने का प्रयास किया है बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक आवश्यकता की भी पूर्ति की है। विद्यालय ने यह संकल्प किया कि सप्ताह में प्रत्येक कार्य दिवस में जिला अस्पताल में जरूरतमन्दों के लिये मध्यान्ह में भोजन की व्यवस्था की जायेगी।
इस कार्यक्रम में विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थी क्रमिक आवंटन के अनुसार समुचित संख्या में दो-दो चपातियों के रोल सिल्वर फाइल में लपेटकर लेकर आयेंगे जिन्हें उनके द्वारा पूर्णतया स्वेच्छा के आधार पर जरूरतमन्दों के लिये विद्यालय में एकत्र करेंगे। प्रतिदिन कोई चार विद्यार्थी एवं दो शिक्षक विद्यालय के वाहन से भोजन के इन पैकेटों के साथ-साथ विद्यालय के सौजन्य से दाल अथवा सब्जी बनवाकर जिला अस्पताल ले जायेंगे। इस कार्यक्रम को जिलाधिकारी की अनुमति भी प्राप्त की है। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने भी विद्यालय के प्रशासक डा.परविन्दर सिंह सैहमी द्वारा की गयी इस पहल का स्वागत और अनुमोदन किया है।
विद्यालय के प्रशासक डा.परविन्दर सिंह सैहमी ने बताते है कि आज के दौर में विद्यार्थियों में शैक्षिक एवं को-करिकुलर योग्ताओं के साथ-साथ संस्कारों का होना अत्यावश्क है। कुुछ समय पहले एक समाचार पत्र में जिला अस्पताल की छपी हुयी फोटो, जिसमें लिखा था-मरीज दवाओं का इन्तज़ार करते हुये। उस फोटो को देखकर मेरे मन में यह आया कि मैं दवाइयाँ तो नहीं उपलब्ध करा सकता लेकिन इनके लिये भोजन की व्यवस्था करा सकता हूँ। इस सोंच का मेरे पूरे बेन-हर परिवार ने समर्थन किया और कहा कि हम सब इस समर्पण के प्रयास के लिये निरन्तर प्रयासरत रहेंगे।
संस्थापक प्रधानाचार्या रंजीत सैहमी कहती है कि यह एक नयी पहल, एक नयी सोंच के लिये पूरा बेन-हर परिवार तन-मन-धन से तैयार है। निश्चित रूप दोपहर में जिला अस्पताल में रोगियों के साथ आये उनके तीमारदार और रोगी भी इस सेवा से लाभांवित हो रहे है। इस सेवा ने एक नई परंपरा को जन्म दिया है। निश्चित रूप से आने वाले दिनों में इस कार्यक्रम को जारी रखने के लिए बेनहर परिवार ने अपनी तैयारी कर ली है। अब यह सेवा बंद नहीं की जाएगी।
पूरनपुर क्षेत्र से आये एक मरीज तोताराम बताते है कि तडके ही गांव से आये थे। दोपहर में देखा एक तंबू में कुछ बंट रहा है, आगे बढे एक स्कूली बच्चे ने उसे भोजन दिया। खाकर आत्मा तृप्त हो गई। समाज में अभी भी कुछ लोग है, जो सेवा भावना से यह कार्य कर रहे है। इसी तरह एक मुस्लिम महिला ने उसने अपनी पहचान नहीं बताई लेकिन कहा कि उसे तो कई दिनों से खाना ही नसीब नहीं हुआ था, लेकिन आज उसकी भूख मिट गई। अल्लाह ताला ऐसे लोगों को यह काम जारी रखने के लिए ऐसे ही ताकत देता रहे।
इन किसी का बेनहर पब्लिक स्कूल से कोई मतलब नहीं है, लेकिन सेवा कार्य की सभी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। ईश्वर इस नेक कार्य को जारी रखने के लिए बेनहर परिवार को हौसला प्रदान करें।

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000
preload imagepreload image