इस बार जेठ की दुपहरिया में नहीं दिखेगी हरियाली, साठा पर 100℅ प्रतिबन्ध

पीलीभीत। सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के आदेश पर पीलीभीत जनपद में साठा धान लगाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

यह भेजी गई प्रधान जी को पाती

जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने जारी आदेश में कहा है कि साठा धान में पानी की अधिक खपत होती है और इसे लगाने की जल्दबाजी में किसान नरई जलाकर पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं।

साठा की गत वर्ष पड़ी पौध का फाइल फोटो

जिलाधिकारी ने जल संचयन के लिए उर्द, मूंग, खीरा, ककड़ी व ग्रीष्मकालीन सब्जियां लगाने की सलाह किसानों को दी है। कृषि विभाग के उप निदेशक यशराज सिंह ने बताया कि जनपद में साठा धान की पौध तैयार करने पर भी रोक लगाई गई है। इसकी निगरानी लेखपाल और कृषि विभाग के कर्मचारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को जागरूक करने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में 3 व 5 फरवरी को खुली बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। 

उत्तराखंड से पौध लाने पर भी रहेगी नजर होगी रिपोर्ट

 

 

जिलाधिकारी ने एक नया आदेश जारी किया है इसमें किसानों द्वारा साठा धान की पौध पड़ोसी राज्य उत्तराखंड से लाए जाने की संभावना जताते हुए ऐसे लोगों पर नजर रखने के निर्देश राजस्व निरीक्षकों, लेखपालों  व कृषि विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसे मामले चिन्हित करके तत्काल कार्रवाई की जाए। माना जा रहा है कि पराली की तरह धान लगाने पर भी एफआइआर दर्ज की जाएगी।

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000
preload imagepreload image