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आयुर्वेदिक कालेज में हुई सेमिनार में बताया-“आयुर्वेद के सर्वांगीण उपयोग से ही स्वस्थ व दीर्घायु रह सकते हैं”

पीलीभीत। आज दिनांक 24 अक्तूबर 2019 को राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की पूर्वसंध्या पर “दीर्घायु के लिए आयुर्वेद” पर एक सेमिनार सम्पन्न हुई जिसमें वक्ताओं ने कहा कि आयुर्वेद के सिद्धान्त आज भी वैश्विक स्वास्थ्य के लिए प्रासंगिक हैं। सम्यक आहार, विहार, विचार, आचार और औषधि के सेवन से स्वस्थ और आतुर के तीनों शारीरिक दोषों वात- पित्त- कफ, मानसिक दोषों रज, तम और सातों शारीरिक धातुओं रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि,
मज्जा, शुक्र को सम अवस्था में लाया जा सकता है।

प्रत्येक दस दशकों में आयुर्वेद वर्णित रसायनों त्रिफला, गिलोय
,पुनर्नवा, मंजिष्ठा,मंडूर, रासोन,प्लांडू,अश्वगंधा ,पिप्पली, मण्डूकपर्णी, ज्योतिष्मती आदि के सेवन से “जीवेद् शरद शतम” के अंतर्गत वर्णित सौ साल के स्वस्थ जीवन को प्राप्त कर सकते हैं।
सेमिनार का संचालन डॉ0 गुरमीत और

अध्यक्षता प्राचार्य प्रो0 आर के तिवारी ने की। वक्ताओं में डॉ आर बी यादव,डॉ0 राम मिलन, डॉ0 एच एस मिश्र,डॉ0 शीलेन्द्र गुप्ता,डॉ0अरविन्द गुप्ता, एच एस पांडेय छात्रों में अखिलेश जैन,उदय यादव व् सागर कुमार थे।
सेमिनार में संस्था के टीचर्स छात्र, छात्राओं, और कर्मचारियों ने प्रतिभाग लिया।

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