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आयुर्वेदिक कालेज की सेमिनार में बोले चिकित्सक-आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति भी हो रही “हाईटेक”

 

पीलीभीत  : आज दिनाँक 11 फरवरी को रोग निदान विभाग ललित हरि राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय पीलीभीत द्वारा आरोग्य भारती व निरोग स्ट्रीट के सहयोग से एडवांसमेंट इन आयुर्वेद डायग्नोसिस एंड मैनेजमेंट विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।सेमिनार के मुख्य अतिथि ललित हरि राजकीय राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर राकेश कुमार तिवारी रहे। अपने उदबोधन में डॉ तिवारी ने आयुर्वेद चिकित्सा की विशेषता व आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि मधुमेह के रोगी को चिकित्सा करते समय किस प्रकार की चिकित्सा करनी चाहिए।आज के आयुर्वेद चिकित्सक उस मूलभूत नियम को नहीं समझ पाते जो चरक ने बताया,बल्कि हैरिसन ने उसे डाइट एवं न्यूट्रिशन थेरेपी के नाम से बता दिया।उन्होंने बताया कि भले ही हमव्याधि का नामकरण न कर पाएं हमें आयुर्वेद के सिद्धांतों पर ही उस व्याधि के दोष ,दूषयों की चिकित्सा करनी चाहिए। मुख्य वक्ता गुड़गाँव से आये डॉ अभिषेक गुप्ता ने आयुर्वेद की अंतरराष्ट्रीय मांग के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि आज शुद्ध आयुर्वेद चिकित्सा करके भी चिकित्सक लाखों रुपये प्रतिमाह की आय करते हैं। उन्होंने इमरजेंसी में भी आयुर्वेद चिकित्सा के उपयोग को उदाहरण सहित बताया। डॉ शिप्रा अग्रवाल ने आयुर्वेद के निदान के आयुर्वेद में वर्णित आधुनिक तरीकों को उदाहरण सहित समझाया।टनकपुर से आये मर्म चिकित्सा के ट्रेनर व प्रसिद्ध आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ मोहम्मद शाहिद ने मर्म चिकित्सा के बारे में विस्तार से बताया।कार्यक्रम के आयोजक डॉ अतुल वार्ष्णेय विभागाध्यक्ष रोग निदान विभाग ने बताया कि टेक्नोलॉजी के प्रयोग से हम अपनी चिकित्सा को कई गुणा बढ़ा सकते हैं। नाड़ी तरंगणी आदि कई नए उपकरण आज बाजार में उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करने पर चिकित्सा से ज्यादा जोर दिया जाता है। यदि हम आयुर्वेद में वर्णित दिनचर्या, व ऋतुचर्या व योग का अभ्यास करें तो हम किसी भी बीमारी से बचे रह सकते हैं।सेमिनार में स्थानीय चिकित्सकों में डॉ नरेंद्र दीक्षित, डॉ वीरेंद्र श्रीवास्तव ,डॉ अलका,डॉ विनीता व बरेली से डॉ रामबाबू प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। बरेली के तीनों आयुर्वेदिक कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ महाविद्यालय के सभी स्नातक व स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के साथ सभी अध्यापक व टेक्नीशियन उपस्थित रहे। कार्यक्रम संयोजन में डॉ अरविंद गुप्ता, डॉ शैलेन्द्र कुमार, डॉ हरिशंकर, डॉ सिद्धार्थ, डॉ रमेश , डॉ साधना,डॉ मनोज ,डॉ महेंद्र प्रताप सिंह का योगदान रहा।कार्यक्रम में आसपास के 150 चिकित्सक व विद्यार्थी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट-अजय गुप्ता

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